Sunday 21 October 2012

ऐतिहासिक महत्ता है खैरा के मां दुर्गा की


खैरा : खैरा का दुर्गा मंदिर न केवल ऐतिहासिक है बल्कि इसकी पौराणिक महत्ता भी है। यहां के दुर्गा मंदिर और दुर्गा पूजा से खैरा प्रखंड के अलावा जिले व अन्य जिलों के लाखों लोगों की धार्मिक आस्था और मान्यता जुड़ी है। यही कारण है कि दुर्गा पूजा के अवसर पर लाखों लोग यहां आकर दंडवत देते हैं और भक्तिभाव से पूजा अर्चना करते हैं। दुर्गा पूजा के अवसर पर यहां तीन दिवसीय मेला भी लगता है।
200 वर्ष पुराना है मंदिर
खैरा का दुर्गा मंदिर 200 वर्षो से अधिक पुराना है। इसका निर्माण स्व. राजा रावणेश्वर प्रसाद सिंह के पुत्र स्व. गुरुप्रसाद सिंह द्वारा कराया गया था। दुर्गा पूजा के अवसर पर हजारों लोग मध्य रात्रि से ही रानी तालाब में स्नान कर मां दुर्गा को दंडवत देती है।
मन्नतें पूरी होती है
खैरा के दुर्गा मंदिर के प्रति आस्था रखने वाले और भक्तिभाव से पूजन करने वालों की मन्नतें पूरी होती हैं। यही कारण है कि लाखों लोग यहां पूजा करने आते हैं।
चार पुश्तों से पूजा करा रहे हैं पुजारी
खैरा दुर्गा मंदिर में रैयपुरा के आचार्य परिवार द्वारा दुर्गा मंदिर के निर्माण के समय से ही पूजा-पाठ करवाया जा रहा है। वर्तमान पुजारी प्रदीप आचार्य ने बताया कि प्रारंभ में उनके परदादा स्व. मणि आचार्य पूजा कराते थे। उनके निधन के बाद स्व. अंबिका आचार्य और बाद में उनके पिता स्व. चंद्रिका आचार्य मां दुर्गा की पूजा कराते थे।
हजारों बकरों की पड़ती है बलि
महाअष्टमी की रात्रि पूजन के बाद मां दुर्गा की निशा बलि होती है और महानवमी तक हजारों लोग बकरों की बलि चढ़ाते हैं। कहा जाता है कि क्षेत्र के लोग मां दुर्गा को बलि देने का संकल्प लेते हैं और मन की मुरादें पुरी होने पर बलि चढ़ाते हैं।
कृषि मंत्री उठाते हैं पूजा का खर्च
कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह की भी धार्मिक आस्था खैरा दुर्गा मंदिर से जुड़ी है। पिछले 25 वर्षो से वे दुर्गा मंदिर में पूजा के अवसर पर प्रतिमा निर्माण और पूजन का संपूर्ण खर्च का वहन करते आ रहे हैं।
तीन दिनों तक लगता है मेला
दुर्गा पूजा के अवसर पर यहां तीन दिनों तक विशाल मेला लगता है। मेले में हजारों लोग एकत्रित होते हैं। मेला की देखरेख और साज-सज्जा एवं सजावट के लिए पूजा समिति है। जिसके अध्यक्ष खैरा के मुखिया शिवशंकर पासवान हैं। मेला समिति के सचिव अंतु रावत, उपसचिव महेश मंडल, कोषाध्यक्ष योगेन्द्र रावत, सदस्य महेश रावत, उपेन्द्र रावत, ललन मेहता सहित दर्जनों सदस्य मेले की निगरानी में लगे रहते हैं। 

No comments:

Post a Comment