Tuesday 16 October 2012

शैलपुत्री की उपासना के साथ शुरु हुआ शारदीय नवरात्र


जागरण प्रतिनिधि,जमुई: शक्ति की देवी मां दुर्गा के प्रथम स्वरुप शैलपुत्री की उपासना के साथ मंगलवार को शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो गया। सुबह से ही पूजा-पंडालों एवं घरों में कलश स्थापन कर श्रद्धालुओं ने पुजा अचर्ना की। नवरात्र के प्रथम दिन होने के कारण दोपहर बाद तक पूजा-अर्चना होती रही। कल्याणपुर मोहल्ले के विद्वान ब्राह्माण सुरेन्द्र पांडेय ने बताया कि मां के प्रथम स्वरुप का ध्यान हमें दिव्य चेतना का बोध कराता है। शैलराज की पुत्री होने के कारण मां का नाम शैलपुत्री पड़ा। राक्षसों की समाप्ति के बाद जब सारे देवी-देवताओं ने पूछा कि मां आप कहां मिलेंगी तो मां ने कहा कि प्रकृति में देखो और प्रवृति में अनुभव करो। मां का श्वेत स्वरुप हमें पतित, कलुषित जीवन से मुक्ति प्रदान करते हुए पवित्र जीवन जीने की कला सिखाता है। नवरात्र प्रारंभ होते ही चहूं ओर भक्तिमय माहौल छा गया है। मंदिरों में बज रहे मां के गीतों की झनक से वातावरण झंकृत हो उठा है। बाजार की रौनक भी खूब बढ़ गयी है। सुबह से पूजन सामग्री की दूकानों पर भीड़ रही तो दोपहर बाद लोगों ने परिधान और जूते चप्पल की खरीदारी की । संध्या पहर पूजा पंडालों के अलावे कचहरी परिसर स्थित दूर्गा मंदिर में आरती की गयी। सैकड़ो नर-नारी आरती में भाग लेकर मां से सर्वमंगल कामना की ।   

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