Saturday 20 October 2012

60 वर्ष पुरानी है मां वैष्णवी दुर्गा मंदिर


सिमुलतला : लोक आस्था और विश्वास की प्रतिमूर्ति सिमुलतला रेलवे स्टेशन मैदान में अवस्थित है वैष्णवी मां दुर्गा का मंदिर। रेलकर्मी एवं सिमुलतला क्षेत्रवासियों के संयुक्त तत्वावधान में माता दुर्गा का पूजा अर्चना का रिवाज वर्षो से चला आ रहा है।
मंदिर की स्थापना और वास्तविकता का इतिहास
सिमुलतला रेलवे स्टेशन के तत्कालीन स्टेशन मास्टर पीबी महंत ने लगभग 60 वर्ष पूर्व रेलवे मैदान में वैष्णवी मां दुर्गा का मंदिर निर्माण कराया था। वार्षिक पूजा कार्यक्रम का वैदिक मंत्रोच्चारण से संपन्न कराने वाले वयोवृद्ध सेवानिवृत्त शिक्षक सह शास्त्री पुरूषोत्तम प्रसाद पांडेय बताते हैं कि लगभग 60 वर्ष पूर्व जानलेवा रोग से स्टेशन मास्टर ग्रसित हो गए। रोग इतना भयावह हो गया कि स्टेशन मास्टर खुद को मौत के करीब महसूस करने लगे। तभी उन्होंने दुर्गा पाठ सुनने की इच्छा जाहिर की। दुर्गा पाठ के लिए स्व. सुरेश प्रसाद पांडेय को बुलाया गया। विधि-विधान पूर्वक दुर्गा पाठ करने के उपरांत महंत बाबू भला चंगा हो गए। मां के आशीर्वाद से नया जीवन पाने वाले महंत बाबू ने सिमुलतला स्टेशन मैदान में मां वैष्णवी दुर्गा मंदिर बनवाया जो बाद में रेल कर्मियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के सहयोग से भव्य तरीके से आयोजित होने लगा। इस वर्ष बिहार, झारखंड एवं पश्चिम बंगाल के नामी कलाकारों के द्वारा पंडाल का अंतिम रूप दिया जा रहा है।
सांस्कृतिक एवं विशेष आयोजन
महाष्टमी के दिन राज्य के नामी कलाकारों द्वारा जागरण का कार्यक्रम होता है। इसके अलावा क्षेत्रीय कलाकारों द्वारा भक्ति संगीत का कार्यक्रम आयोजित होता है।
मंदिर का नामकरण व पृष्ठभूमि
यह मंदिर सिमुलतला रेलवे स्टेशन मैदान में है जिसके कारण स्थापना के साथ ही रेलवे दुर्गा मंदिर के नाम पर यह मंदिर प्रचलित होने लगा और बाद में इसी नाम का नामकरण कर दिया गया। माता के इस मंदिर में षष्ठी के दिन से पूजा-अर्चना प्रारंभ होती है एवं बेलभरनी पूजा इस मंदिर का विशेष रुप में क्षेत्र में चर्चित है। 

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