पर्यटन स्थल

पंचपहारी, जिले के सोनो प्रखंड से 3 किलो मीटर की दुरी पे स्तिथ  है
यह जगह छोटे-बड़े पहाड़ो से पूरा घिरा हुआ है. यहाँ का मुख्य आकर्षण बेंगा पहाड़ हे जो की मेढक की तरह दीखता है इस पहाड़ के ऊपर भगवन शिव जी का एक मंदिर भी है भगवन शिव के अलावा माता दुर्गा, हनुमान जी का भी मंदिर है. यहाँ पे लोग नया साल ,मकर संक्रांति के दिन हजारो की संख्या में जमुई जिला और राज्य के दुसरो जिलो के भी लोग घुमने आते है . यहाँ के लोग अपने घर आये हुए मेहमानों को इस प्राकृतिक स्थल का दर्शन कराना नहीं भूलते  है
जिला मुख्यालय से लगभग 15
किलो मीटर दूरी पे स्तिथ  गिद्धेश्वर स्थान राम व रावण की लड़ाई से जुड़ा ऐसा स्थल है जिसकी ऐतिहासिक
महत्व आज भी वर्तमान है। पर्यटन के क्षेत्र में इस क्षेत्र का विकास कर
पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा दिया जा सकता है। कहते हैं कि जब रावण-सीता का
अपहरण कर लंका जा रहा था तो यही वह स्थान है जब गिद्धराज जटायू ने रावण से
युद्ध किया था। आज भी यह स्थान क्षेत्र के लोगों के लिए दर्शनीय केन्द्र
है।
सिमुलतला 

जिला मुख्यालय से लगभग 52
किलो मीटर दूरी पे  मिनी शिमला के नाम से
विख्यात सिमुलतला सुंदर व मनोरम छठाओं से घिरा एक सुन्दर स्थल है। यहां ठंड
 के दिनों में पर्यटक सिमुलतला की हरे भरे बाग बगीचे व सुन्दर-सुन्दर झरने व
 पहाड़ों का दीदार करते हैं। यहां की जलवायु की प्रशंसा अपने संपूर्ण भ्रमण
पुस्तक में स्वामी विवेकानंद ने खूद की है। और लिखा है सर्वोत्तम जलवायु
सिमुलतला की है। स्वामी विवेकानंद  जी दो दफा सिमुलतला का भ्रमण किये  है। वर्तमान समय
में पश्चिम बंगाल के कई नामी गिरामी लोगों का भव्य मकान सिमुलतला की पर्यटक
 व्यवसाय को जीवित करता है। पर्यटकों के सिमुलतला में आने से कई बेरोजगारों
 को इससे जुड़ी रोजगार मिलता है


 
काली मंदिर जुमई जिले के मालयपुर गांव स्थित है। यह मंदिर देवी काली को समर्पित है। प्रत्येक वर्ष इस जगह पर बहुत ही प्रसिद्ध मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले को काली मेला के नाम से जाना जाता है। यह मेला काली पूजा के दिन लगता है इस दिन लाखो की संख्या में लोग पूजा करने और मेला देखने आते है.i

चन्द्रशेखर संग्रहालय

चन्द्रशेखर संग्रहालय मल्टी-परपस म्यूजियम है। इसकी स्थापना 1985 ई. में हुई थी। जमुई स्थित चन्द्रशेखर संग्रहालय की स्थापना प्रोफेसर डां. श्यामनंदन प्रसाद ने की थी। पुरातात्विक वस्तुएं, टेरीकोटा सील और प्राचीन चट्टान आदि इस संग्रहालय में देखी जा सकती है। इसके अतिरिक्त, संग्रहालय में भगवान विष्णु, भगवान सूर्या, देवी उमा और दुर्गा की अनेक प्रतिमाएं देखी जा सकती है। यह संग्रहालय चन्द्रशेखर सिंह संग्रहालय के नाम से प्रसिद्ध है। यह संग्रहालय प्रत्येक दिन खुला रहता है। केवल सोमवार को अवकाश रहता है। खुलने का समय: सुबह 10 बजे से शाम 4.30 बजे तक
काकन जुमई के उत्तर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह धार्मिक केन्द्र के रूप में प्रसिद्ध है। माना जाता है कि जैनों के नौवें तीर्थंकर सुविधिनाथ का जन्म इसी स्थान पर हुआ था। प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में भक्त यहां आते हैं। इसके अलावा यहां लोगों के लिए रहने की सुविधा भी प्रदान की गई है। प्रसिद्ध जैन मंदिर कुमार ग्राम प्राचीन देवी मंदिर के लिए जाना जाता है। माना जाता है कि इंदापी जिसे इंद्रप्रस्थ के नाम से भी जाना जाता है, वह भी यहां घूमने के लिए आए थे।

मिन्टो टॉवर

जमुई जिला मुख्यालय के पूर्व से लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गिद्धौर में मिन्टो टॉवर है। यह टॉवर बिहार के प्रमुख पयर्टन स्थलों में से है। मिन्टो टॉवर का निर्माण महाराजा रामेश्‍वर प्रसाद सिंह ने करवाया था। यह टॉवर लॉर्ड मिन्टो, भारत के गर्वनर जर्नल और वाइसराय की याद में बनवाया गया था, जो 10 फरवरी 1960 ई. में यहां घूमने के लिए आए थे। काफी संख्या में पर्यटक यहां आना पसंद करते है। मिन्टो टॉवर के समीप ही एक मंदिर भी है।