जमुई। वन विभाग द्वारा जमुई पुलिस के सहयोग से जमुई स्टेशन के दो नंबर प्लेटफार्म पर एक बैग में बंद 25 जिंदा क छुआ को लेकर ट्रेन का इंतजार कर रहे एक व्यक्ति को मौके से पकड़ लिया गया। जमुई वन प्रमंडल के पदाधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि कोई व्यक्ति प्रतिबंधित क छुआ लेकर जा रहा है। इस सूचना पर जमुई के अपराध नियंत्रण कक्ष की मदद लेकर जमुई स्टेशन पर गुरुवार की सुबह 7 बजे पहुंचे और बैग के साथ खड़े एक व्यक्ति की तलाशी ली गई तो उसके बैग में रखा 25 जिंदा कछुआ बरामद हुआ। इस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार व्यक्ति जमुई के खैरा थानार्न्तगत मांगोबंदर का साहिल सिंह बताया जाता है। पुलिस तथा वन विभाग के लोगों ने उसे वन्य प्राणी के अवैध तस्करी के जुर्म में भारतीय वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा के तहत जमुई कोर्ट में प्रस्तुत किया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। इस मामले में वन विभाग ने सीजेएम शशिभूषण मणि त्रिपाठी की अदालत में एक आवेदन देकर अनुमति मांगी कि कछुआ को सरकार द्वारा अधिसूचित नागी नकटी डैम पक्षी अभ्यारण्य में मुक्त करने की अनुमति दी जाए। जिसकी अनुमति मिलने के बाद वनकर्मी उसे सुरक्षित छोड़ने ले गए। -
Thursday 22 December 2016
जमुई रेलवे स्टेशन से 25 कछुए के साथ तस्कर गिरफ्तार
जमुई। वन विभाग द्वारा जमुई पुलिस के सहयोग से जमुई स्टेशन के दो नंबर प्लेटफार्म पर एक बैग में बंद 25 जिंदा क छुआ को लेकर ट्रेन का इंतजार कर रहे एक व्यक्ति को मौके से पकड़ लिया गया। जमुई वन प्रमंडल के पदाधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि कोई व्यक्ति प्रतिबंधित क छुआ लेकर जा रहा है। इस सूचना पर जमुई के अपराध नियंत्रण कक्ष की मदद लेकर जमुई स्टेशन पर गुरुवार की सुबह 7 बजे पहुंचे और बैग के साथ खड़े एक व्यक्ति की तलाशी ली गई तो उसके बैग में रखा 25 जिंदा कछुआ बरामद हुआ। इस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार व्यक्ति जमुई के खैरा थानार्न्तगत मांगोबंदर का साहिल सिंह बताया जाता है। पुलिस तथा वन विभाग के लोगों ने उसे वन्य प्राणी के अवैध तस्करी के जुर्म में भारतीय वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा के तहत जमुई कोर्ट में प्रस्तुत किया। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। इस मामले में वन विभाग ने सीजेएम शशिभूषण मणि त्रिपाठी की अदालत में एक आवेदन देकर अनुमति मांगी कि कछुआ को सरकार द्वारा अधिसूचित नागी नकटी डैम पक्षी अभ्यारण्य में मुक्त करने की अनुमति दी जाए। जिसकी अनुमति मिलने के बाद वनकर्मी उसे सुरक्षित छोड़ने ले गए। -
Wednesday 21 December 2016
कोलकाता व गाजीपुर के बीच नई ट्रेन का परिचालन 25 से
जमुई। आगामी 25 दिसंबर से एक नई साप्ताहिक ट्रेन कोलकाता और गाजीपुर सिटी के लिए चलाई जाएगी। उक्त जानकारी आसनसोल रेल मंडल के पीआरओ बी मुर्मू ने एक विज्ञप्ति जारी कर मंगलवार देर शाम को दिया। उन्होंने बताया कि 13121 अप कोलकाता गाजीपुर सिटी एक्सप्रेस 25 दिसंबर 2016 से प्रत्येक रविवार की रात्रि 8 बजकर 05 मिनट में कोलकाता स्टेशन से खुलेगी और अगले दिन 10:25 बजे गाजीपुर पहुंचेगी। 13122 डाउन गाजीपुर सिटी कोलकाता साप्ताहिक एक्सप्रेस 26 दिसंबर 2016 से प्रत्येक सोमवार को 2:15 से गाजीपुर स्टेशन से खुलेगी और अगले दिन 5:15 बजे कोलकाता पहुंचेगी। ट्रेन दुर्गापुर, आसनसोल, मधुपुर, जसीडीह, झाझा, हाथीदह, बख्तियारपुर, पटना जंक्शन, पाटलीपुत्र, दिघवारा, छपरा, और बलिया स्टेशन से होकर चलेगी। ट्रेन में एसी टू टीयर, एसी थ्रिटीयर एवं शयनयान श्रेणी की सुविधा रहेगी।
विस्फोटक के साथ एरिया कमांडर सहित चार नक्सली गिरफ्तार
मोदी ने पढ़ाया संगठन मजबूती का पाठ
Monday 19 December 2016
जमुई में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत सोमवार को 104 बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन आवंटित किया गया।
राज्य सरकार का नहीं मिलता है सहयोग : चिराग पासवान
जमुई। विकास कायरें में राज्य सरकार का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता है। जिसका प्रभाव जमुई जिले में होने वाले विकास कायरें पर स्पष्ट दिखता है। उक्त बातें जमुई सासद सह लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने प्रखंड के मगही में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली ग्रामीण सड़कों के उद्घाटन समारोह के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि जमुई में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए आजतक राज्य सरकार जमीन मुहैया नही करा पाई। ऐसे में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना का मामला अधर में लटका है। ऐसी ही स्थिति प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना व विद्युतीकरण योजना की भी है। मोदी सरकार ने सभी गावों में विद्युतीकरण का लक्ष्य बनाया है लेकिन राज्य सरकार सहयोग नहीं करती। सासद ने कहा कि हमने अबतक के कार्यकाल में जमुई संसदीय क्षेत्र में कई विकास कायरें को अंजाम दिया। हमारा उद्देश्य हर गाव तक पक्की सड़क पहुंचा देना है। उन्होंने सरकार के नोटबंदी पर आमलोगों द्वारा दिए गए सहयोग पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जनता धन्यवाद के पात्र हैं। सासद ने कर्रा तक पथ निर्माण सहित जमुई खडगपुर पी डब्ल्यूडी पथ से पचेश्वरी तक पथ निर्माण, हरला मोड़ से बेलदारी तक सडक निर्माण कार्य का उद्घाटन किया। झाझा विधायक डॉ. रवीन्द्र यादव ने कहा कि कार्यकर्ताओं को अपने अपने क्षेत्र में हो रहे विकास कायरें पर नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब जरूरत पडे़ हम अपने कार्यकर्ताओं के सहयोग के लिए तैयार हैं। इस मौके पर सासद प्रतिनिधि जीवन सिंह भाजपा प्रखंड अध्यक्ष सह पूर्व मुखिया अरुण हासदा, पूर्व अध्यक्ष शभु प्रसाद मंडल, लोजपा प्रखंड अध्यक्ष बिनोद यादव, उपप्रमुख सह लोजपा नेता रंजीत पासवान व कुंदन पासवान सहित कई लोग मौजूद थे।
Sunday 18 December 2016
जमुई के महावीर की धरती पर दिखने लगी मुख्यमंत्री के सात निश्चय की झलक
एनएच 333ए का झाझा में विरोध- क्या आप सहमत है
Friday 16 December 2016
जमुई के चकाई बस स्टैंड का युवाओं ने कराई बस पड़ाव की सफाई
जमुई। चकाई बाजार के बीचोबीच स्थित गंदगी और कूड़े-कचरे से नर्क बन चुके सरकारी बस पड़ाव की सफाई युवाओं ने आपसी चंदे से कराई। युवक राजेश साह, अभिषेक कुमार, विनय तमोली, पवन साह, मनोज साह, संजय तमोली, धीरज साह, अशोक साह आदि ने बताया कि पिछले एक वर्ष से सरकारी बस पड़ाव गंदगी के कारण नर्क बना हुआ था जिससे यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। यात्रियों की परेशानी को देखते हुए आपस में चंदा कर जेसीबी से पूरे बस पड़ाव परिसर की सफाई कराई गई। इधर सफाई कार्य होने से यात्रियों ने राहत की सास ली। बताते चलें कि सरकारी बस पड़ाव विभागीय लापरवाही के कारण पिछले एक दशक से बदहाल पड़ा हुआ है तथा गंदगी के कारण यह नारकीय रूप ले रहा था।
जमुई में सीएम के आगमन पर ऑल इज वेल की तैयारी
Thursday 15 December 2016
नीली क्रांति की राह दिखा रहा जमुई का घनबेरिया गांव
कचरे में जिंदगी ढूंढ रहे जमुई के मासूम बच्चे
Wednesday 14 December 2016
एनएच 333 ए का सर्वेक्षण शुरू- जल्द बनेगा 4 लेन सड़क राजमार्ग (Highway )
जमुई। बरबीघा से भागलपुर के पंजवारा मोड़ तक बनने वाली फोर लेन एनएच 333 ए का सर्वेक्षण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। बुधवार को झाझा नगर पंचायत कार्यालय में एनएच के एसडीओ नंद कुमार गुप्ता की अगुआई में नगर पंचायत के दुकानदार एवं नगर के जनप्रतिनिधियों के साथ एक बैठक हुई। एसडीओ ने कहा कि बरबीघा से एनएच 333ए का कार्य शुरू करने में विभाग को कई नियमों से गुजरना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बरबीघा से जमुई के महसौड़ी होते हुए सोनो के रास्ते झाझा पहुंचेगी। नगर क्षेत्र में मात्र 18 मीटर चौड़ी सड़क की जरूरत है। नगर के बाहर 30 मीटर सड़क की आवश्यकता पड़ेगी। उन्होंने नगर पंचायत के नगर अध्यक्ष मोहन पासवान एवं पूर्व अध्यक्ष संजय सिन्हा से सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा कि एनएच 333 के झाझा बाजार का स्थलीय सर्वेक्षण कार्य कराया जा रहा है। गुरुवार से युद्ध स्तर पर चलेगा। इसके तहत केवल डाटा कलेक्शन आंकड़ा सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। इसमें मकान दुकान आदि को क्षतिग्रस्त नहीं किया जाएगा। आंकड़ा संग्रह का उपयोग बाइपास मार्ग के निर्धारण हेतु किया जाएगा। उन्होंने नगर वासियों से अपील करते हुए कहा कि इस सर्वेक्षण में सहयोग करें। एनएच के समाजिक विशेषज्ञ मुन्ना कुमार ने बताया कि शहर के कर्पूरी चौक से स्टेशन चौक तक कम से कम 18 मीटर चौड़ी सड़क की आवश्यकता है। शहर के बाहर 30 मीटर चौड़ी सड़क होनी चाहिए। एनएच की पहली प्राथमिकता वाहन की स्पीड रहती है। एनएच पर सौ से ज्यादा स्पीड में वाहन चलते हैं। इसलिए सड़क चौड़ी होना चाहिए। कहीं अगर घुमाव होता है तो उस जगहों की भी जाच की जाएगी। उन्होंने कहा कि बरबीघा से पंजवारा तक बनने वाले 198 किलोमीटर सड़क के लिए जमुई, झाझा एवं बाका के पास बाइपास के लिए प्रस्ताव भेजी गई है। लेकिन इसके पहले इस सड़क के माध्यम से फोर लेन को ले जाने का सर्वे चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगर किसी का मकान एवं दुकान इस सड़क में आएगा तो सरकार उस जमीन की चार गुणा कीमत देगी। उन्होंने कहा कि तीन दिन तक कर्पूरी चौक से बस स्टैंड, फाड़ी चौक, बजरंग चौक, गाधी चौक, मुख्य बाजार, मछली पट्टी चौक, स्टेशन चौक होते हुए आगे तक सर्वेक्षण कार्य किया जाना है। जिसके प्रचार प्रसार के लिए नगर पंचायत से सहयोग की अपेक्षा की है। फोर लेन के सर्वेक्षण से कई व्यवसायियों के चेहरे मुरझाते दिखे। वही कई लोगों में खुशी देखी गई। इस अवसर पर पूर्व नगर अध्यक्ष संजय सिन्हा, व्यवसायी साधु केसरी, भवनेश त्रिवेदी, इतू झा, मुरारी रावत, विटू कुमार, दिनेश यादव, विजय अग्रहरी, मंजूर आलम, लता भारती सहित कई लोग उपस्थित थे।
Monday 28 November 2016
जमुई के आदिवासी समाज के लोगों की समस्या,हुजूर हमें जंगल से हटाकर शहर में बसा दें
अब 10 मीटर चौड़ी होगी एनएच-333- सड़क दुर्घटना होगी कम
जस की तस रह जाएगी जंगल में सड़क
गंगटा-लक्ष्मीपुर जंगल के बीच सड़क की चौड़ाई में फिलवक्त कोई बदलाव नहीं होगा। दरअसल वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण चौड़ीकरण का कार्य बाधित है। जंगल में 5 किमी तक सड़क की चौड़ाई महज 10 फीट है। जहां वाहन रेंगते हैं। यही वजह है कि सड़क जाम लगना नियति बन गई है तो दूसरी तरफ आपराधिक घटनाओं का कारण भी बन गया है। कम चौड़ी सड़क को अपराधी आसानी से अवरुद्ध कर लूट की घटना को अंजाम देते है।
वाहनों को मिलेगी रफ्तार
बरियारपुर से झारखंड सीमा तक एनएच-333 की लम्बाई 141 किमी है जिसमें अधिकांश भाग जमुई जिले में पड़ता है। फिलवक्त जमुई जिला अंतर्गत 104 किमी एनएच-333 की चौड़ाई 7 मीटर है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 10 मीटर चौड़ीकरण की स्वीकृति दी है। ऐसे में वाहनों को रफ्तार मिलेगी। साथ ही झारखंड के विभिन्न शहरों तक पहुंचने में कम समय लगेगा। अहम बात यह है कि चौड़ीकरण से कटौना, मोहुली एवं सोनो के करीब के आधा दर्जन ब्लैक स्पॉट खत्म हो जाएंगे। जहां दर्जनों लोग अब तक सड़क दुर्घटना में जान गवां बैठे हैं।
गौरतलब हो कि एनएच-333 पर इन दिनों भारी वाहनों का दबाव बढ़ गया है। साथ ही झारखंड व पूर्व बिहार को जोड़ने वाली यह अहम सड़क है।
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एनएच 333 के चौड़ीकरण को लेकर शीघ्र निविदा की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इसके अलावा बरियारपुर से आगे मधवा पुल को भी बनाने की प्रक्रिया चल रही है।
-हरेन्द्रमणि त्रिपाठी, कार्यपालक अभियंता, एनएच मुंगेर प्रमंडल।
Thursday 3 November 2016
यहा मुस्लिम करते छठ, तो हिन्दू उठाते तजिया
जमुई। आस्था सिर्फ आस्था है। इसे किसी धर्म या संप्रदाय के चश्मे से नहीं देखा जा सकता है। किसी भी समुदाय के लोगों की किसी पर्व में आस्था हो सकती है। इसे साबित किया है मलयपुर गाव के ग्रामीणों ने। दशकों से इस गाव में जहा हिन्दू-मुस्लिम के पर्व में हिस्सा लेते हैं, वहीं मुस्लिम, हिन्दुओं के पर्व में। मुहर्रम का तजिया हिन्दू के कंधे पर तो मुस्लिम समुदाय के लोगों को महापर्व छठ करते देखा जा सकता है। यह रीत वषरें से इस गाव में चली आ रही है तभी तो सामुदायिक तनाव से यह गाव कोसों दूर रहा है। मलयपुर गाव के बस्ती स्थित फकीर टोला में आज भक्तिमय माहौल है। लोग अपने-अपने घरों व रास्तों की सफाई में जुटे हैं। हाथों में झाड़ू पकड़े लोग सफाई में लगे हैं। चेहरे पर भक्ति के भाव हैं। घरों से छठ मईया के गीतों की आवाजें आ रही हैं। इस टोले के मो. तस्लीम, मो. ताहीर, मो. शमशूल शाह, मो. मुमताज, मो. सलीम, मो. हैदर, बुधू शाह, मो. शाहीद आदि छठ पर्व करते हैं। इनकी मागी मन्नतें छठ मा ने पूरी की है। ये बताते हैं कि वर्षो से गछती के अनुरूप छठ पूजा करते हैं। टोले के कई और परिवार भी छठ करते हैं। मलयपुर स्थित मुस्लिम टोला में भी साफ-सफाई चल रही है। लोगों में छठ को लेकर विशेष श्रद्धा है। फकीर टोला निवासी मो. तसलीम बताते हैं कि लगभग 28 वर्ष पूर्व उनकी मा सुफेदा खातून ने छठ पर्व करना प्रारंभ किया था। उनकी कोई मन्नत पूरी हुई थी। करीब 18 वर्ष पूर्व मा ने उसकी नौकरी की मन्नत मागी और दूसरे साल ही उसे नौकरी मिल गई। तब से वो भी छठ करने लगे। अब लाचारी के कारण पिछले वर्ष से बनियारी (दूसरे के घर से पूजा करवाना) शुरू किया है। मगर घर में छठ पर्व के नियमों का सख्ती से पालन होता है। फकीर टोला निवासी मो. ताहीर, शमशूल आदि ने बताया कि कई अन्य घरों में भी छठ पर्व होता है। अधिकाश लोग बनियारी करवाते हैं। उन्होंने बताया कि जितना आस्था उन्हें अपने धर्म में है उतना ही छठ मईया में भी। नेक व निष्ठा के पर्व को नियमानुसार मनाया जाता है। यह तो बानगी भर है। यकीन मानिए वर्तमान परिवेश में मलयपुर गाव आदर्श प्रस्तुत कर रहा है। यहा मुहर्रम के तजिया के साज-सज्जा के लिए हिन्दू चंदा देते हैं। तजिया को कंघे पर उठाते हैं। मुहर्रम जुलूस में शामिल होते है और करतब भी दिखाते हैं तो मुस्लिम समुदाय भी हर हिन्दू पर्व का हिस्सा बनते हैं। सच मानिए इस गाव में पर्व का मतलब प्रेम, भाईचारा और सिर्फ पर्व होता है। - See more at: http://www.jagran.com/bihar/jamui-14976402.html#sthash.yl3MD2bn.dpuf
Wednesday 2 November 2016
401 छठ व्रतियों को दी गयी पूजन सामग्री
दो युवकों ने जमुई जिले के नवादा पुल की बदल दी तस्वीर
Wednesday 20 April 2016
अधूरा रह गया गिद्धौर स्टेशन को समुन्नत बनाने का सपना
यह बताते चलें कि गिद्धौर रेलवे स्टेशन रेल विभाग को प्रतिदिन लगभग दो लाख रूपए का रोजाना लाभ देता चला आ रहा है। बावजूद इसके इस इलाके के रेल यात्रियों के लिए यहां आज भी सुविधा नदारद है।
सांसद को सौंपा गया था ज्ञापन
विगत कुछ महीने पहले इस इलाके के रेल यात्रियों द्वारा तत्कालीन रेल विभाग के जीएम एवं जमुई लोकसभा के वर्तमान सासद चिराग पासवान को प्रखंड रेलवे सुविधा समिति के प्रतिनिधियों द्वारा अपने गिद्धौर रेलवे स्टेशन से जुड़े समस्या को लेकर एक सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा गया था। मगर आज भी स्थिति यथावत बनी हुई है। इधर रेलयात्री सुविधा समिति के सदस्य विरेन्द्र कुमार पाडेय, मोहम्मद अकबर, राघव सिंह, मुकेश सिंह, उपसरपंच काजल सिंह काजू, राजीव रंजन सहित दर्जनों रेल यात्रियों ने जानकारी देते बताया कि पूर्व दिवंगत रेल राच्य मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह के कार्यकाल मे गिद्धौर रेलवे स्टेशन परिसर को रौशन करने के लिए लाखों की लागत से हाईमास्क लाइट लगाया गया था जो विभागीय उदासीनता के कारण विगत दो वषरें से बंद पड़ा हुआ है।
प्लेटफार्म नंबर दो का भी नहीं हुआ अपग्रेडेशन
प्लेटफार्म नंबर दो के अपग्रेडेशन नहीं होने से अक्सर रेल यात्री ट्रेन चढ़ने उतरने के क्रम में दुर्घटना के शिकार हो गंभीर रूप से घायल हो जाते है। वहीं इस इलाके के रेल यात्री खासकर महिला व विकलाग रेल यात्रियों को इस स्टेशन पर शौचालय की मूलभूत सुविधा भी वषरें से मयस्सर नहीं हो पा रही है। वषरें से स्टेशन परिसर में लगे बंद पड़े हाइमास्क लाइट के बंद पड़े रहने के कारण इस शादी विवाह के मौसम में भीड़ होने के कारण रेलवे स्टेशन पर अपराधी खुलेआम अंधेरे का फायदा उठा आराम से लूट व छिनतई जैसे आपराधिक घटना को अंजाम दे आराम से चलते बनते हैं। इधर स्टेशन परिसर में रात्रि में यात्री सुरक्षा हेतु रेलवे पुलिस बल की भी नियमित तैनाती आज तक रेल विभाग द्वारा नहीं की गई है। खैर जो भी हो दानापुर रेल मंडल अंतर्गत किऊल-झाझा रेलखंड के मध्य पड़ने वाला यह अति प्रतिष्ठित गिद्धौर रेलवे स्टेशन कई वषरें से अपने उद्धारक के आस की बाट जोह रहा है।
कहते हैं सहायक स्टेशन प्रबंधक
गिद्धौर रेलवे स्टेशन पर व्याप्त कुव्यवस्था एवं बंद पड़े मास्क लाइट के बारे में पूछे जाने पर गिद्धौर रेलवे स्टेशन के सहायक स्टेशन प्रबंधक टीडी सिंह ने बताया कि बंद पड़े हाईमास्क लाइट की सूचना मेरे द्वारा झाझा रेलवे के इलेक्ट्रिक फोरमैन को दी गई लेकिन आज तक उसे विभाग द्वारा ठीक नहीं करवाया गया है। वहीं स्टेशन परिसर के अन्य समस्याओं को रेल यात्रियों व गिद्धौर रेलवे प्रबंधन द्वारा रेल विभाग के वरीय अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है लेकिन गिद्धौर रेल स्टेशन के प्रति उनका रवैया आज तक उदासीन है।
हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर निकाली गई कलश शोभा यात्रा
अग्नि सुरक्षा पर सशस्त्र सीमा बल का जागरुकता अभियान
पद्मश्री मालिनी अवस्थी के लोकगीत पर झूमे जमुई वासियों के लोग
मालिनी अवस्थी द्वारा प्रस्तुत लोकगीतों की प्रस्तुति ने दर्शकों को मुग्ध कर दिया। उनके द्वारा पेश चैती, पूर्वी, कजरी, सौहर और भोजपुरी गीतों ने ऐसा समां बांधा कि लोग फिल्मी गीतों के प्रभाव से मुक्त होते दिखे। मालिनी अवस्थी ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत चैती गीत से किया और समापन भोजपुरी गीत से किया। मालिनी अवस्थी द्वारा पेश सभी गीत सामाजिक संदेश से ओत-प्रोत था। उनके द्वारा प्रस्तुत 'बारह बरस की मैं ब्याह की आई, साइंया चले पइयां-पइयां ..' जहां बाल और बेमेल विवाह पर प्रहार था वहीं उनके द्वारा पेश सौहर 'ललना बड़ा होके देशवा के काम आई हा..' गीत में देश भक्ति की भावनाएं हिलोरे ले रही थी। 'केहु जाला हाजीपुर, केहु जाला पटना, ससुर जाला हाजीपुर, देवर जाला पटना, सइयां जाला कलकतवा, ला के देही मांग की सुंदुरवा..' जैसे गीत प्रेम रस का रसास्वादन करा रहे थे जबकि 'भवानी दायिनी हो माई, चैत शुभ दिनमा आई..' और 'तेरी सरकार है आली.. ' जैसे भक्तिरस के गीतों ने भी लोगों को भक्तिभाव में डूबो दिया। इससे पूर्व बिहार गौरव और बिहार रत्न से अलंकृत संगीतज्ञ सत्येन्द्र कुमार संगीत ने भगवान महावीर से संबंधित गीत और बिहार गौरव गान को पेश कर कार्यक्रम को भव्यता और प्रासंगिकता प्रदान की। सत्येन्द्र कुमार संगीत द्वारा पेश 'भगवान महावीर फिर से लछुआड़ आ जा, छाल वृक्ष के नीचे बैठ ज्ञान सीखा जा, सत्य अहिंसा, प्रेम और करुणा का दीप जला जा..' तथा 'जैन धर्म महावीर चलाए लिए लछुआड़ में अवतार, ये है मेरा बिहार ..' की समसामयिक प्रस्तुति को दर्शकों ने सराहा। बाबू बिहारी द्वारा पेश भोजपुरी गीत, रंजीत कुमार द्वारा पेश विद्यापति गीत और मिंटू द्वारा पेश चैती गीत भी दर्शकों को काफी भाया। संपूर्ण कार्यक्रम का रोचक ढंग से संचालन करते हुए प्रसिद्ध उद्घोषक शंकर केमुरी ने न केवल दर्शकों का भरपुर मनोरंजन किया बल्कि प्रारंभ से अंत तक सांस्कृतिक कार्यक्रम का समां बांधे रखा। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को जिला प्रशासन की ओर से बुके, शॉल और मोमेंटो देकर जिलाधिकारी डॉ. कौशल किशोर, उपविकास आयुक्त सतीश शर्मा, अपर समाहर्ता चौधरी अनंत नारायण ने सम्मानित किया।
खतरनाक हो गये भूखमरी के शिकार आवारा कुत्ते
अग्निपीड़ितों से मिले सासद चिराग पासवान
अग्निपीड़ितों से मिले सासद |
Sunday 24 January 2016
जिनके काव्य में अंगिका लेती है अंगड़ाई
अंग साहित्य में नई पहचान बनाने वाले 67 वर्षीय कवि सुरेन्द्र प्रसाद सिंह यूं तो किसी परिचय का मोहताज नहीं लेकिन बहुत कम लोग ही यह जानते होंगे कि वे सादगी व संसाधन हीनता के बीच समन्वय स्थापित कर अपनी रचनाओं में ओजस्वी भावनाओं का संचार कैसे कर पाते हैं। संयोग देखिए 15 अगस्त 1947 को खैरा प्रखंड के केवाल परियत्ता में जन्मे कवि सुरेन्द्र ने युवावस्था में 'तूफान' नामक काव्य की रचना की। यह रचना व्यवस्थाओं को बदहाली को बयां करने वाली ही नहीं थी अपितु उक्त त्रासदी से मुक्ति के प्रयासों पर केन्द्रित थी। तकरीबन 25 साल पूर्व कवि सुरेन्द्र की अंगिका में प्रकाशित 'गुड़गुड़ी' नामक कृति तब पाठकों की जुबान पर रहती थी। राष्ट्र के नाम संदेश नामक पुस्तक की रचना भी इन्होंने उसी समय की थी। कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन व संचालन की जिम्मेवारी इन्होंने बखूबी संभाली। भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लिखी गई साढ़े चार सौ पंक्तियों की कविता फिलहाल सुर्खियों में है। 'भले व्यस्तता के चलते हो जाता नर दोषी है पर हिन्द के हाल पर जायज नहीं खामोशी है। उसको तो चिंता रहती है अपने कहे वचन की जैसे मां को दिए वचन पर कर्ण ध्यान देता था रण में अनुजों पर कब्जा कर प्राणदान देता था। '
लेकिन संसाधनहीनता के कारण अंगिका के इस प्रखर कवि को आगे बढ़ने का मौका मयस्सर नहीं हो पाया। अंग साहित्य के सरस्वती पुत्र की 'व्यक्ति राज योजना' की अवधारणा पर यदि सरकार गंभीरता से काम करे तो हिन्दुस्तान की बहुतेरी समस्याओं का स्वत: स्र्फूत समाधान निकल आएगा। कवि की ऐसी ही सोच है। नजारे, अंतिम बार, व सुगना जैसी रचनाएं बतौर पांडुलिपि पड़ी हुई है। अर्थाभाव के कारण उन कृतियों का प्रकाशन संभव नहीं हो पा रहा है। इन सबसे इतर कवि सुरेन्द्र ने अपनी रचनाओं से अंगिका को और भी समृद्ध किया है। आवश्यकता है उनकी रचनाओं को क्षेत्रवासियों तक पहं़चाने की।