Tuesday 20 February 2018

जमुई_के_लाल_बीएसएफ_जवान_सुनील_मुर्मू_के #शहीद_होने_की_खबर_पाकर_माहौल_हुआ_गमहीन

 

जम्मू कश्मीर के तंगधार में नियंत्रण रेखा पार से पाकिस्तान की और से की गई गोलीबारी में मंगलवार को हमारे जमुई जिला का वीर जवान कांस्टेबल सुनील कुमार मुर्मू शहीद हो गए.
बिहार के जमुई जिला अंतर्गत नक्सल प्रभावित खैरा थाना के लंगड़ीटांड निवासी शहीद सुनील कुमार मुर्मू 2013 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे.शहीद सुनील कुमार मुर्मू नियंत्रण रेखा के फारवर्ड डिफेंडेड लोकेशन (एफडीएल) पर तैनात थे.पाकिस्तानियो ने उन्हें निशाना बना कर स्नाइपर शॉट फायर किया जिससे सुनील बुरी तरह घायल हो गए थे.मंगलवार की रात्रि 8:30 बजे श्री नगर के आर्मी अस्पताल में इलाज के क्रम में उनकी मौत हो गयी.वही जवान की शहीद होने की खबर पाकर परिवार का माहौल गमहीन हो गया है,वही पूरे जमुई जिलावासी शहीद जवान के परिवार के प्रति दुःख की घड़ी में शोक संवेदना प्रकट कर रहे है।
वही जिले वासियो का कहना है की जमुई के सपूतों ने भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।वीर सपूतों का शव जब तिरंगे में लिपटे उनके पैतृक गांव आता है,तो अपनों को उनके बिछड़ने का दर्द जरूर होता है।लेकिन लोग अपने लाल की शहादत पर गौरवांवित भी होते हैं।

Sunday 18 February 2018

जमुई के लक्ष्मीपुर में 2 CRPF जवान की दर्दनाक मौत



जमुई--आज सुबह लक्ष्मीपुर थाना पुलिस की एंटी लेंड माइंस वाहन में तेज गति से रही ट्रक के टक्कर में डियूटी पर तैनात दो सेप जवान की मौके पर ही मौत हो गयी है।दोनों मृतक सैफ जवान का नाम भूलन यादव,कुल्हड़िया,आरा,उम्र 45 तथा जितेन्द्र प्रसाद सिंह,दानापुर,उम्र 50 वर्ष है।




बताया जाता है की घटना लक्ष्मीपुर बाजार के पास तेज गति से जा रहा ट्रक असंतुलित होकर दोनों सैफ जवान को कुचल डाला जिसमे दोनों की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी।लक्ष्मीपुर पुलिस शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई कर रही है।स्थानीय के सहयोग से ट्रक को पुलिस ने कब्जे में लेकर जरूरी करवाई कर रही है.वही ट्रक चालक फरार हो गया।

Thursday 8 February 2018

गिधौर स्टेशन के पास सुपर एक्सप्रेस पे। बाल-बाल बचे हजारो यात्री


गिद्धौर रेलवे स्टेशन के अप मेन लाइन आउटर के पास पोल संख्या 376/31 के उपर ट्रैक्शन ओवर हेड तार टूट जाने के कारण टाटा-दानापुर एक्सप्रेस ट्रेन लगभग दो घंटे तक आउटर पर खड़ी रही। जिससे घंटों अप रेललाइन बाधित रहा। जानकारी के अनुसार झाझा रेलवे स्टेशन से खुली 18184 अप टाटा-दानापुर एक्सप्रेस ट्रेन गिद्धौर रेलवे स्टेशन पहुंचने के पूर्व आउटर लाइन के पोल संख्या 376/31 के पास पहुंचते ही ओवरहेड ट्रैक्शन बिजली प्रवाहित तार टूट कर ट्रेन पर गिर गया। पायलट द्वारा इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोका गया। चालक की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया। प्रत्यक्षदर्शी रेल यात्री के अनुसार घटना 3 बजकर 51 मिनट की है। जिसके बाद तत्क्षण रेल पायलट द्वारा उक्त ट्रेन के डिरेल्ड की सूचना रेलवे कंट्रोल झाझा को दी गई। रेलवे कंट्रोल झाझा द्वारा मरम्मत कार्य को अंजाम देने में दो घंटे का वक्त लगा और 5:25 में परिचालन शुरू किया जा सका।

Sunday 28 May 2017

गूगल मैप्स को भूल जाइए , आ रहा है भारत का अपना देसी GPS


अगले साल से अगर आप कहीं रास्ता भटकते हैं, तो आपको बचाने एक देसी जीपीएस आ जाएगा। NavIC नाम का यह जीपीएस पूरी तरह देसी होगा व 2018 तक बाजार में दस्तक दे देगा। अहमदाबाद स्थित स्पेस ऐप्लिकेशन सेंटर के डायरेक्टर तपन मिश्रा ने बताया, 'यह भारतीय रीजनल नेविगेशन सैटलाइट सिस्टम NavIC के नाम से शुरू किया जाएगा। इस पर टेस्टिंग चल रही है और बाजार में अगले साल से यह लोगों को रास्ता दिखाने लगेगा।' NavIC का अर्थ 'नाविक' व नेविगेटर है। IRNSS-1G की लॉन्चिंग के बाद पीएम मोदी ने ही इसे यह नाम दिया था। यह जीपीएस देशभर में कहीं भी, किसी भी लोकेशन का सही डेटा यूजर तक पहुंचा सकेगा।
एसएसी डायरेक्टर ने कहा, 'अमेरिकन जीपीएस 24 सैटलाइट से लैस है व इसकी पहुंच लगभग पूरी दुनिया तक है। हमारा NavIC 7 सैटलाइट वाला होगा और सिर्फ भारत को कवर करेगा। यहां कहा जा रहा है कि यह सिस्टम भले ही कम पहुंच वाला है, लेकिन अमेरिकी जीपीएस से कहीं ज्यादा सटीक होगा। 5 मीटर की ऐक्यूरेसी के साथ यह सही स्थिति बताने में सक्षम होगा।'


वर्तमान जीपीएस में यह ऐक्युरेसी 20-30 मीटर है। आपको बता दें कि यह दूरी जितनी पास होगी, जीपीएस की पोजिशन उतनी ही सटीक बैठेगी। हम सालों से जिस जीपीएस का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे यूएस ने 1973 में डिवेलप किया था। करगिल युद्ध के दौरान साल 1999 जब जीपीएस सेवाएं बाधित हुई थीं, तब भारत को नेविगेशन सिस्टम की जबरदस्त जरूरत पड़ी थी।

NavIC के बाद भारत अब उन देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिनका अपना जीपीएस सिस्टम है। रूस के पास जहां अपना GLONASS व यूरोपियन यूनियन के पास Galileo है। चीन भी अपने स्वायत्त जीपीएस सिस्टम को डिवेलप करने की राह पर है। NavIC सिस्टम पूरे देश को (हिंद महासागर के साथ) आस-पास के इलाकों को नेविगेट कर सकेगा। इसमें चीन के कुछ हिस्से भी शामिल होंगे।

Wednesday 12 April 2017

जमुई शहर के विकास में व्यवसायियों की भूमिका अहम : एसपी



शहर के विकास में व्यवसायियों की भूमिका अहम : एसपी
जमुई। किसी भी शहर के विकास में वहां के व्यवसायियों की भूमिका अहम होती है। विकास व्यवसायी पर निर्भर करता है। जमुई का आज जो विकास हुआ है उसमें यहां के व्यवसायियों का अहम योगदान है। पुलिस अधीक्षक जयंतकांत बुधवार को शिल्पा विवाह भवन में चैम्बर ऑफ कामर्स के रजत जयंती समारोह के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ वर्ष पूर्व जरुरत का सामान दूसरे शहरों से लाना होता था। आज हर चीज जमुई के बाजार में उपलब्ध है जिसका सारा श्रेय यहां के व्यवसायियों को जाता है। उन्होंने कहा कि व्यवसायी जिले के हृदय की तरह होते हैं अगर वहां सारे चीजों का संचार अच्छी तरह हो तो पूरा शहर अच्छे से काम करता है। पुलिस अधीक्षक ने व्यवसायियों को भरोसा दिलाते हुए शहर में विधि-व्यवस्था कायम रखने में व्यवसायियों की भूमिका को रेखांकित किया। इससे पूर्व रजत जयंती समारोह का उद्घाटन पुलिस अधीक्षक, एसडीओ सुरेश प्रसाद, निरंजनानंद योग केंद्र के स्वामी आत्म स्वरूपानंद, चैम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष चंद्रदेव ¨सह, सचिव शंकर साह, समाजसेवी ई. आइपी गुप्ता ने दीप जलाकर किया। मौके पर एसपी ने चैंबर के स्मारिका का भी विमोचन किया। स्मारिका में 25 साल की उपलब्धियों और गणमान्य लोगों द्वारा सद्भावना व्यक्त किया गया है। इस मौके पर समाजसेवी ई. आइपी गुप्ता ने व्यवसायियों को चैम्बर के रजत जयंती की बधाई देते हुए कहा कि व्यवसायी समाजसेवा में आगे होते हैं। अगर कोई गरीब व्यवसायी बीमारी से ग्रस्त हो, बेटी की शादी करनी हो या आपदा के कारण परेशानी में हो तो सभी को आगे आना चाहिए। उन्होंने जमुई संसदीय क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए इस तरह के कार्यों का उल्लेख भी किया। स्वामी आत्मस्वरूपानंद जी महाराज ने व्यवसायियों को समय निकाल कर योग को अपनाने पर जोर दिया। रजत जयंती समारोह का संचालन मोहन प्रसाद राव ने किया। समारोह को संबोधित किया। रजत जयंती समारोह को एसडीओ सुरेश प्रसाद, चैंबर के अध्यक्ष चंन्द्रदेव ¨सह, सचिव शंकर साह, पूर्व सचिव ब्रजेश वर्णवाल, कोषाध्यक्ष कुंज बिहारी बंका, संस्थापक सचिव शुकदेव केशरी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रकाश कुमार भगत, भाजपा जिलाध्यक्ष भास्कर ¨सह, कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरेन्द्र ¨सह, लोजपा जिलाध्यक्ष मोती उल्लाह, सांसद प्रतिनिधि जीवन ¨सह आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में आगत अतिथियों का स्वागत छात्राओं ने स्वागत गान गाकर व नृत्य प्रस्तुत कर किया। रजत जयंती समारोह के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था की कमान स्वयं थानाध्यक्ष संजय कुमार संभाल रहे थे।
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फोटो 12 जमुई - 46
रजत जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा
जमुई : चैम्बर ऑफ कामर्स के 25 वीं वर्षगांठ पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत सुबह में शोभा यात्रा के साथ हुआ। गांधी पुस्तकालय परिसर से निकाली गई शोभायात्रा मुख्य मार्गों से गुजरता हुआ शिल्पा विवाह भवन पहुंची। इस दौरान शोभायात्रा में सभी प्रतिष्ठित व्यवसायी शामिल थे। चैम्बर के झंडे के साथ व्यवसायी चल रहे थे। व्यवसायियों ने शोभायात्रा के माध्यम से एकजुटता को प्रदर्शित किया। मौके पर चैम्बर ऑफ कामर्स के पदाधिकारियों के अलावा व्यवसायी महेश प्रसाद केशरी, दिलीप साह, जयप्रकाश वर्णवाल, ¨रकु साह, गोपाल वर्णवाल, शंकर साह, रामलाल साह, सुरेन्द्र ठाकुर, संजय भगत, राजकुमार केशरी, नीतेश केशरी, कृष्णा साह आदि शामिल थे।
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जमुई जिले की बेटियों पर गर्व



अगले जनम में मुझे बिटिया ही दीजो
जमुई। अगर ऐसी होनहार दो-दो बेटियां हो तो कौन पिता नहीं चाहेगा कि उसे हर जनम में बेटी ही मिले। डीआइजी से रिटायर्ड झाझा के पीपराडीह मोहल्ले के सुबोध कुमार और नीलम की पुत्री मनुश्री और तनुश्री एक से बढ़कर एक है। एमटेक की डिग्री ली पर देश सेवा का जज्बा ऐसा कि दोनों ने यूपीएससी द्वारा संचालित परीक्षा पास कर सीआरपीएफ और आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट का पद संभालना उचित समझा। आराम की ¨जदगी के बजाए पिता से मिली प्रेरणा ने उन्हें चुनौतियों से लड़ना सीखा दिया जिस पर आज पिता को ही नहीं पूरे इलाके को गर्व है। प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त पिता के जज्बे को बरकरार रखने के लिए दोनों बेटी ने खाकी को अपनाया और देश की सेवा में लग गई।
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बचपन से ही मेधावी थी मनु और तनु
मनु और तनु बचपन से ही मेधावी थी। बड़ी बेटी मनुश्री अयोध्या में सीआरपीएफ के सहायक कमांडेड के पद पर कार्यरत है तथा दूसरी पुत्री तनुश्री आरपीएफ में कमांडेड पद पर विशाखापत्तनम में कार्यरत है। मनुश्री मुंबई से एमटेक की है जबकि छोटी पुत्री तनुश्री यूपीएससी से यहां तक पहुंची। पिता कहते हैं कि बच्चों को साथ रखकर शिक्षा प्रदान की। मुख्य रूप से बिहार के दरभंगा एवं बोकारो में इन दोनों ने दशम एवं प्लस टू की शिक्षा ग्रहण की। छोटी ने इंजीनिय¨रग कर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की
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Monday 3 April 2017

अपने जमुई शहर के प्रमुख स्थलों पर लगा कूड़े का अंबार


दुखद स्थिति . करोड़ों खर्च के बाद भी नगरवासियों को नहीं मयस्सर हो रही साफ-सफाई
नगर परिषद के पास साफ-सफाई को लेकर कोई ठोस योजना नहीं है. विभाग आनन-फानन में राशि अवश्य खर्च कर रही है लेकिन सफाई को लेकर अबतक कोई रणनीति नहीं बना सकी है. 
 
 प्रतिवर्ष एक करोड़ रुपया से अधिक खर्च होने का बाबजूद भी नगर परिषद क्षेत्र के लोगों वाजिब साफ-सफाई मय्यसर नहीं हो पा रहा है. जानकारी के अनुसार वर्ष 1972 से निर्मित जमुई नगरपालिका को सरकार द्वारा वर्ष 2002 में नगर परिषद का दर्जा प्रदान किया गया था. वर्तमान में 30 वार्डों में विभक्त हो कर नगर परिषद कार्यरत है. वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार नगर परिषद की आबादी लगभग 90 हजार है. विभागीय आंकड़ों की मानें तो नगर परिषद का दर्जा पाने के बाद साफ-सफाई के नाम पर करोड़ों रुपया खर्च होने के बाबजूद भी क्षेत्र में सफाई का आलम संतोषजनक नहीं है. सबसे आश्चर्य करने वाली बात है
 
कि नगर परिषद के पास साफ-सफाई को लेकर कोई ठोस योजना नहीं है. जिसके परिणामस्वरूप करोड़ों खर्च होने के बाद भी शहर के लोगों को बेहतर साफ-सफाई की सुविधा मयस्सर नहीं हो रहा है. विभाग आनन-फानन में राशि अवश्य खर्च कर रही है लेकिन सफाई को लेकर कोई ठोस रणनीति नहीं बना सकी है. सूत्रों की मानें तो सफाई को लेकर कभी एनजीओ को लगाया गया तो कभी नगर परिषद कार्यालय के द्वारा ही इसका जिम्मा लिया गया है, लेकिन क्षेत्र की सफाई में गुणात्मक सुधार आजतक नहीं प्रतीत हो सका है. क्षेत्र के लोग बताते हैं कि नगर परिषद द्वारा सफाई के मद में किये जा रहे खर्च आदि की जांच-पड़ताल किया जाये तो परिणाम चौंकाने वाला हो सकता है.
सभी वार्ड तक नहीं पहुंचते हैं सफाई कर्मी
 
करीब नौ से दस लाख रुपया प्रतिमाह सफाई मद में खर्च होने के बावजूद भी सभी वार्ड तक सफाई कर्मी नहीं पहुंच पाते हैं. सफाई का जिम्मा ले रहे कर्मचारी शहर व आसपास के चार-पांच वार्ड की सफाई कर ही अपनी जिम्मेवारी पूरा कर रहे हैं. परिणामत: आधा से अधिक वार्ड के लोग सफाई के नाम पर ठगा-सा ही महसूस कर रहे हैं. आधे से अधिक वार्ड क्षेत्र का आलम है कि यत्र-तत्र गंदगी का ढेर ही लगा रहता है. लोग स्वयं अपने कचरा को उठाकर सही जगह पर फेंकते है.
 
मैं नगर परिषद बड़हिया में कार्यरत हूं. मुझे जमुई नगर परिषद का भी प्रभार दिया गया है. कार्यालय के पास उपलब्ध संसाधनों व कर्मियों के आधार पर सभी वार्डों की साफ-सफाई बेहतर तरीके से करने का प्रयास किया जा रहा है.
एस कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी
 
सफाई को लेकर लेकर खरीदा गया उपकरण भी आज तक बना है निरर्थक 
नगर परिषद की ओर से सफाई को लेकर यंत्र-संयंत्र तथा अन्य उपकरण की खरीदारी करने में भी करोड़ों रुपया खर्च किया गया है. इतना खर्च होने के बावजूद भी शहर सहित आसपास के क्षेत्र में व्याप्त गंदगी इस पर प्रश्न चिह्न खड़ा कर रहा है. जानकारी के अनुसार जमुई नगर कार्यालय द्वारा सफाई को लेकर करीब दो साल पूर्व लाखों रुपया खर्च कर लोहा का डस्टबीन की खरीदारी की गयी. जिसे सभी वार्ड में जगह-जगह पर रखा गया, लेकिन लोगों के लिए कारगर नहीं हो सका. क्षेत्र की लोगों की मानें तो विभाग के द्वारा इसे लेकर आगे की पहल नहीं की गयी. इसके भर जाने के बाद दुबारा खाली ही नहीं कराया गया. परिणामत: लोग डस्टबीन के आसपास ही कचरा फेंकने लगे. जिससे उक्त स्थल पर कचरा के जमा हो जाने पर आसपास के लोगों के लिए आफत का सबब बन गया. लाखों खर्च कर खरीद किया गया डस्टबीन शोभा की वस्तु बन कर रह गया. करीब साल भर के बाद ही कार्यालय द्वारा पुन: लाखों खर्च कर प्लास्टिक डस्टबीन सहित अन्य कई तरह के उपकरण की खरीदारी की गयी लेकिन उक्त उपकरण भी लोगों के लिए सार्थक नहीं बन सका है.