Saturday 31 March 2012

धूमधाम से मनाई गई रामनवमी



जमुई, जागरण प्रतिनिधि : शनिवार को रामनवमी के अवसर पर रामभक्त हनुमान की पूजा की गई। इस मौके पर जिले भर में ध्वजारोहण किया गया। विभिन्न हनुमान मंदिरों में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की। सुबह से ही मंदिरों में भीड़ लगी रही। दोपहर बाद विभिन्न स्थानों से रामनवमी का जुलूस निकाला गया। पुरानी बाजार से श्री सनातन महावीर दल, महाराजगंज, महिसौड़ी आदि स्थानों से भी गाजे-बाजे के साथ जुलूस निकाली गई। जुलूस में कलाकारों ने लाठी, तलवार आदि के करतब दिखाए।
झाझा, प्रतिनिधि के अनुसार : शनिवार को प्रखंड में रामनवमी पर्व काफी धूमधाम से मनाई गई। पर्व को लेकर श्रद्धालुओं ने बांस, पताखा आदि की खरीदारी भी की। ऐसे कई जगहों पर रविवार को रामनवमी पर्व मनाया जाएगा।
सरौन, प्रतिनिधि के अनुसार : चकाई प्रखंड के विभिन्न जगहों पर शनिवार को रामनवमी को लेकर भक्तजनों द्वारा बजरंगबली का ध्वजारोहण का कार्यक्रम किया गया।
सिमुलतला, प्रतिनिधि के अनुसार : सिमुलतला क्षेत्र के विभिन्न गांवों में रामनवमी को लेकर भक्तों ने भगवान राम की पूजा-अर्चना की एवं ध्वजारोहण किया।

Monday 19 March 2012

बूझ गया ललन का चिराग


लक्ष्मीपुर निवासी ललन साव को नहीं मालूम था कि सोमवार का सूरज उसके वंश का चिराग ही बुझा डालेगा। ललन दंपती के दो मासूम बच्चों मौसम कुमार और मोहित कुमार की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद अब उस दंपत्ती के वंश को आगे बढ़ाने वाला कोई नहीं रहा। शायद यह सोचकर उक्त दंपती परिवार के साथ-साथ आसपास के लोगों के आंखें भी छलकने से नहीं रुकती। मिली जानकारी के अनुसार ललन दंपती ने अपने दो संतान के बाद बंध्याकरण करा लिया था। परंतु उसे क्या मालूम था कि उसके अंतिम समय में उसे मुखाग्नि देने वाला भी कोई नहीं बचेगा। बताते चलें कि सोमवार को लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर पेट्रोल पंप के नजदीक तेज रफ्तार से आ रही एक ट्रक ने मौसम और मोहित के साथ तीन छात्रों को कुचल डाला। तीनों मासूम स्थानीय एसएसबीएम स्कूल के छात्र थे। सोमवार को तीनों अपने-अपने घर से स्कूल के लिए नियत समय पर निकले। परंतु बाल स्वभाव के कारण तीनों स्कूल न जाकर यूं ही अपना समय खेल में बीता रहे थे। अचानक लगी प्यास ने उन तीनों को सड़क किनारे लगे चापाकल पर खड़ा कर दिया। इसी बीच सामने से आ रहे एक ट्रक के चालक ने अपना संतुलन खो दिया और तीनों को अपने चपेट में ले लिया।

छीन गया गरीब अजय का सहारा
लक्ष्मीपुर : गरीब अजय दंपती को शायद नहीं मालूम था कि जिस मासूम को अपना सहारा समझ कर वह दिनरात मेहनत कर उसके भविष्य को संवारने में अपना सबकुछ लगा दिया था। काल के कुचक्र ने अचानक उससे उसके मासूम दस वर्षीय अंशु को छीन लेगा। बेटा रे तोहरा लिए कि नाय करलियो .. बार-बार इसी चित्कार के साथ अंशु की मां मृतक अंशु को अपने गले लगाने का प्रयास करती लेकिन बेहोश हो जाती। बताते चलें कि मृतक अंशु का पिता मेहनत मजदूरी कर अपनी पत्‍‌नी के साथ तीन मासूम बच्चों का भरण-पोषण करता था। अजय मानसिक रुप से थोड़ा कमजोर है। उक्त दंपती ने अपने बड़े बेटे अंशु को लेकर सपनों का घरोंदा बना रखा था परंतु उसे क्या पता था कि अचानक उसके सपनों का घरोंदा टूट जाएगा और अंशु उसे छोड़ जाएगा। मालूम हो कि सड़क दुर्घटना में एक ट्रक ने अंशु सहित तीन बच्चों को कुचल डाला था।