Wednesday 9 May 2012

हवन कुंड से टकराया हाइवा, पांच मरे


लक्ष्मीपुर, (जमुई) निज प्रतिनिधि : लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के सुखासन गांव में हाइवा ट्रक हवन कुंड से टकरा गया। फलस्वरूप हवन कुंड की छत गिर गई। इसकी चपेट में आकर चार बच्चों व एक महिला की मौत हो गई। जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घायलों को इलाज के लिए सदर अस्पताल भेजा गया।
मिली जानकारी के अनुसार हाइवा ट्रक संख्या बीआर-1जी-2494 सड़क निर्माण कार्य में लगा था। घटना उस वक्त घटी जब बच्चे व अन्य लोग हवन कुंड स्थल पर बैठे थे। जबकि हाइवा ट्रक उक्त गांव में सड़क निर्माण के लिए मौरंग लाया था। मौरंग गिराने के लिए ट्रक को मोड़ने के दौरान चालक का संतुलन बिगड़ गया और ट्रक सामने बने हवन कुंड से टकरा गया। फलस्वरूप हवन कुंड की छत नीचे मौजूद बच्चों और महिला पर गिर पड़ी। मृतकों में बसुंधर साव का चार वर्षीय पुत्र मोहित कुमार, जलधार साव की सात वर्षीय पुत्री खुशी कुमारी और चार वर्षीय अंशु कुमारी, सुकदेव बेसरा का सात वर्षीय पुत्र रौशन कुमार तथा 25 वर्षीया पत्‍‌नी किरण देवी शामिल हैं। घायलों में सुकदेव बेसरा का दुधमुंहा बच्चा तनिक लाल कुमार, जुरा मरांडी की दो पुत्रियां रानी कुमारी और करनी कुमारी तथा राजेंद्र साव की चार वर्षीय पुत्री रोनी कुमारी शामिल हैं। घटना की सूचना मिलते ही लक्ष्मीपुर थाना पुलिस सहित जिले से मुख्यालय डीएसपी मदन कुमार आनंद और एसडीओ अमलेंदु कुमार सिंह घटनास्थल पर पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों ने लाशों को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने पर सख्त नाराजगी दिखाई। उन्होंने डीएम को घटनास्थल पर बुलाने तथा सभी मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा व नौकरी देने की मांग भी की।


 

बात मान लेते महिला की तो बच जाती जान

अनुपम कुमार, (जमुई) लक्ष्मीपुर : अगर महिला की बात चालक द्वारा मान ली जाती तो चार मासूम बच्चों सहित कुल पांच लोगों की जान बच जाती। घटना के संबंध में प्रत्यक्षदर्शी महिला ललिता देवी ने बताया कि हाईवा ट्रक के चालक द्वारा उस स्थल पर वाहन को मोड़ा जा रहा था जहां पर मोड़ने की जगह नहीं थी। उक्त ट्रक कभी सड़क किनारे रखे मवेशी के नाद से टकरा जाता तो कभी किसी झोपड़ी में लगे लकड़ी से। महिला ललिता देवी ने बताया कि चालक को बार-बार कहा जाता कि आप यहां गाड़ी ऐसे क्यों मोड़ रहे हैं परंतु चालक उक्त महिला की बात को अनसुनी कर दिया। इतना ही नहीं बकौल ललिता उक्त ट्रक पर कोई भी खलासी नहीं था जो चालक को वाहन के सही दिशा में जाने की जानकारी दे सके। महिला ने कहा कि अंत में सड़क किनारे बने छतनूमा हवन कुंड में निकले लोहे की कड़ी में वाहन फंस गया। इस वक्त भी महिला ने चालक को सावधान होने की आवाज लगाई। इसके बावजूद चालक महिला की बात को नजर अंदाज कर दिया और अंत में उसकी लापरवाही ने एक दर्दनाक घटना को अंजाम देकर पूरे गांव में मातम का माहौल पैदा कर दिया।
बाक्स
महिला ने बचाई सोनू की जान
लक्ष्मीपुर: जाको राखे साईयां, मार सके न कोय.. यह कहावत उस समय चरितार्थ हुई जब हाईवा हवन कूंड से टकरा रही थी। महिला ललिता देवी ने काफी सूझ-बुझ का परिचय देते हुए तुरंत हवन कूंड में खेल रहे अपने छह वर्षीय पुत्र सोनू को हाथ पकड़कर बाहर खींच लिया। महिला द्वारा अपने बच्चे को खींचने का साथ ही उक्त हवन कुंड का छत नीचे गिर पड़ा और बच गई उसकी जान।
पसरा है गांव में सन्नाटा
लक्ष्मीपुर : इस तरह की हृदय विदारक घटना के बाद सुखासन गांव में सन्नाटा पसरा है। लगभग 25 घर की आबादी वाले इस गांव के लोग इस घटना के स्तब्ध हैं। मुखिया सुनील यादव के भाई को जैसे ही यह खबर मिली तो वे थोड़ी देर के लिए सन्न रह गए। उनका कहना था कि इस खबर को सुनने के बाद हमारा खुद पर नियंत्रण नहीं रहा और घटनास्थल जाने में मेरे पैर थरथर्रा रहे थे। मुखिया सुनील यादव ने घटनास्थल पर पहुंचकर सभी मृतकों के परिजनों से चाहकर भी नहीं मिल सके। उनका कहना था कि इतनी बड़ी घटना के बाद किसी के घर क्या पूछने जाऊं और मेरे पास परिजनों को साहस देने के लिए ढांढ़स के दो शब्द भी नहीं हैं।
मुआवजे का भी नहीं है प्रावधान
लक्ष्मीपुर : मुखिया सुनील यादव ने मृतकों की ओर से घटनास्थल पर पहुंचे प्रशासन के आलाधिकारियों से मृतकों के परिजनों को मुआवजे के रुप में पांच-पांच लाख रुपया के साथ प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की। लेकिन हाय रे बच्चों की फूटी किस्मत। मौत के बाद भी उनके लिए सरकार के पास मुआवजे का कोई प्रावधान नहीं है। मौके पर पहुंचे अनुमंडलाधिकारी अमलेंदु कुमार सिंह एवं डीएसपी मदन कुमार आनंद ने बताया कि कबिर अंत्येष्ठी योजना तथा पारिवारिक लाभ से व्यस्क लोगों को ही मुआवजे के रुप में राशि उपलब्ध कराई जा सकती है। हालांकि अधिकारी द्वय ने मुखिया से अपने स्तर से मदद करने की अपील की। इधर सड़क निर्माण में लगे लोगों से मानवता के आधार पर मुआवजा देने की बात की जा रही थी ताकि पीड़ितों को कुछ राहत मिल सके।
एक ही परिवार के मर गए दो सदस्य
लक्ष्मीपुर : थाना क्षेत्र के सुखासन गांव में हाइवा ट्रक दुर्घटना में एक ही परिवार के दो सदस्यों की मौत हो गई। उक्त गांव में इस प्रकार के दो परिवार हैं। सुकदेव बेसरा का सात वर्षीय पुत्र रौशन कुमार और 25 वर्षीया पत्‍‌नी किरण देवी के बाद उक्त घर में सुकदेव का दुधमुंहा बच्चा आठ माह के तनिक लाल कुमार को यह नहीं मालूम था कि उसे होश आते ही उसकी मां का आंचल उससे छीन जाएगा। इधर उक्त गांव के जलधर साव की दो पुत्री सात वर्षीया खुशी और चार वर्षीया अंशु के लिए कितना दुर्भाग्यपूर्ण पल था कि उसकी मौत के बाद भी उसके माता-पिता उसे अपने आंचल में छुपा न सकेंगे। मालूम हो कि दोनों बच्चिों के माता-पिता गरीबी के कारण प्रदेश कमाने गए थे। उसकी दादी का रो-रोकर बुरा हाल था।



ग्रामीणों ने दिखाया संयम

लक्ष्मीपुर (जमुई) निप्र: अमूमन ऐसा देखा जाता है कि किसी बड़ी दुर्घटना के बाद ग्रामीण आक्रोशित हो जाते हैं और चालक की पिटाई कर देते हैं। इसके साथ ही दुर्घटना में शामिल वाहन को आग के हवाले करने की भी खबर मिलती है। परंतु लक्ष्मीपुर थाना क्षेत्र के सुखासन गांव में ग्रामीणों ने अपने जिस संयम का परिचय दिया वह काबिले तारीफ रहा। बकौल मुखिया सुनील यादव इस गांव के लोग इतने भोले और सीधे हैं कि घटना के बाद कोई प्रतिक्रिया दिखाने के बजाए चालक को सुरक्षित भगा भी दिया तथा गाड़ी को भी किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया। मुखिया ने कहा कि सुखासन गांव के लोग काफी गरीब हैं। उनकी गरीबी का आलम यह है कि किसी के पास रहने के लिए छतनूमा मकान नहीं है।
चैत पूर्णिमा में होता था अष्टयाम
लक्ष्मीपुर (जमुई) निप्र: हाइवा की ठोकर से गिरा हवन कुंड में हर साल चैत पूर्णिमा में सुखासन के ग्रामीण अष्टयाम करते थे। परंतु ग्रामीणों को क्या मालूम था कि यही हवन कुंड चार बच्चों की इहलीला समाप्त कर देगी। ग्रामीण प्रभात कुमार साव व पूर्व मुखिया बलराम सिंह बताते हैं कि विगत दस सालों से लोगों ने यहां भजन-कीर्तन शुरु किया था। धीरे-धीरे चंदा कर इस चबूतरा का निर्माण कराया गया था। हालांकि इस चबूतरे के निर्माण में कमी रह गई कि चारो पाया पीलर के बजाए ईट पर खड़ा किया गया था। इस वर्ष चैत के पूर्णिमा में अष्टयाम नहीं हो सका क्योंकि वह चबूतरा बनकर पूरी तरह से तैयार नहीं हुआ था। ग्रामीणों ने सोचा कि अष्टयाम में खर्च होने वाले पैसे का उपयोग इस वर्ष चबूतरा निर्माण में ही कर लिया जाए। परंतु बीच में ही यह घटना घट गई।



कि करलो भगवान..

बरहट, (जमुई) निज प्रतिनिधि : कि करलो भगवान, तोहरे मंडप में हमर बेटवा के छिन गेलै जान। अब कौन मुंह देखवे। यह क्रंदन था मृत बालक मोहित की मां सरिता देवी का। इनके मर्माहत क्रंदन ने अस्पताल परिसर में खड़े सभी के आंखों को नम कर दिया। भगवान से गुहार करते हुए सरिता ने कहा कि भगवान कौन सा पाप किया जो पहले मेरे नवजात बच्चे को छिना अब इसे छिन लिया। अब मैं अपने ससुराल वाले और पति को क्या जबाव दूंगी। विलखते सरिता देवी ने बताया कि सुखासन गांव में उनका मायके है जबकि ससुराल पंचरुखी बेलहर है। पति बंगाल में काम करते हैं। पीड़िता के दर्द भरी चित्कार से पूरा अस्पताल परिसर दहल उठा था और हर कोई दुख के सिवा कुछ व्यक्त नहीं कर पा रहे थे। बताते चलें कि मंगलवार को लक्ष्मीपुर प्रखंड के सुखासन गांव में उसके बच्चे की मृत्यु ध्वस्त हुई निर्माणाधीन मंडप में दबकर हुई।


No comments:

Post a Comment