Monday 23 April 2012

दलित बच्चों के सपनों को लगेंगे पंख


जमुई, जागरण प्रतिनिधि : प्रीति कुमारी पिता जगदीश मांझी पूछने पर झट से कहती है मैं सीएम बनना चाहती हूं। 12 वर्षीय इस बच्ची के जच्बे को देखकर ही लगता है कि अब पढ़ने-लिखने में दलित बच्चे भी पीछे नहीं हैं। वासुदेव मांझी का बेटा भी आठवीं कक्षा में बुनियादी विद्यालय कटौना में पढ़ता है। आगे क्या बनना चाहता इस सवाल पर बेवाक होकर कहता है डीएम। पर उनकी आगे की पढ़ाई कैसे पूरी होगी। इस सवाल पर चुप्पी साध लेता है। जमुई मुख्यालय से 40 किमी की दूरी पर कटौना का मुसहरी टोला है। इस टोले में 40 महादलित परिवार रहते हैं। सरकार ने इस गांव को निर्मल गांव घोषित किया है और यहां की चंदवा भी एसएसजी गु्रप गठित कर सब्जी की खेती करती है। उसने सरकारी खर्च पर दिल्ली तक का भी सैर किया है। चंदवा की बात तो छोड़िए मुसहर जाति के इस गांव में लगभग दो दर्जन से अधिक युवक और बच्चे हैं जो पढ़ाई में रुचि रखते हैं और इनके अंदर है कुछ कर गुजरने का जज्बा।
राजेन्द्र मांझी की बेटी बोलने में टनाटन है। आठवीं क्लास की यह छात्रा बीडीओ बनना चाहती है। शुकदेव मांझी की पुत्री डाक्टर, रामदेव मांझी की पुत्री पुलिस, रामचन्द्र मांझी की पुत्री पार्वती शिक्षक, दुखी मांझी की पुत्री अनिता कम्प्यूटर इंजीनियर व रामदेव मांझी की पुत्री रुपा ने डाक्टर बनने का सपना संजो रखा है। मुसहरी टोला की एक दर्जन से अधिक लड़कियां कुछ कर गुजरने की जजबात लिए समाज के लिए प्रेरणा बनना चाहती है। इसके अलावे दुलारी कुमारी, ललिता कुमारी, भरत कुमार मांझी, चंदन कुमार मांझी, बालमुकुंद मांझी भी मैट्रिक पास कर उच्च शिक्षा प्राप्त करने की चाहत रखता है। लेकिन आर्थिक तंगी इनके सपनों के आड़े आ रही है।
बाक्स
फोटो 22 जमुई-1
कैप्शन- अपने संस्थान में बच्चों को शिक्षा मुहैया कराते अनिल सिंह व अन्य
चाचा करेंगे दलित बच्चों का बेड़ा पार
जमुई : बीए पार्ट थर्ड में शिक्षा प्राप्त कर रहे अजय ने बताया कि चाचा ने आगे की पढ़ाई का जिम्मा उठाया है। वही हम दलितों का बेड़ा पार कराएंगे। इधर ब्लैक डायमंड गु्रप आफ एजुकेशन के निदेशक अनिल सिंह ने दो दर्जन से अधिक महादलित बच्चों को आगे की शिक्षा के लिए एडाप्ट किया है। उनका कहना है मैं इनके आगे की पढ़ाई का खर्च उठाऊंगा। उन्होंने कहा कि जमुई के दलित बच्चे पढ़ना चाहते हैं तो मैं उन्हें हर संभव मदद करुंगा। उन्होंने कहा कि दलित बच्चों के लिए अच्छे शिक्षकों का इंतजाम किया गया है। आगे पढ़ने वाले बच्चों को बाहर भेजने का इंतजाम किया जा रहा है। इससे पूर्व उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी रामधारी सिंह से बच्चों को आगे बढ़ाने की प्रेरणा मांगी

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