Friday 20 April 2012

जल, जंगल, जमीन के लिए मजबूती से लड़ाई लड़ें

सिमुलतला, निज प्रतिनिधि : समय आ गया है सभी विचारधाराओं वाले व्यक्ति एक होकर जल, जंगल, जमीन बचाओ अभियान में जुटकर मजबूती से लड़ाई लड़ें। नहीं तो आने वाले दस वर्षो में कुछ नहीं बचेगा। उक्त बातें राष्ट्रीय गांधीवादी विचारक एवं राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद के सदस्य राजगोपाल पीवी जनसत्याग्रह संवाद यात्रा पर सिमुलतला पहुंचने पर सर्वोदय आश्रम ग्राम भारती में सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों ने जल-जंगल जमीन में पैसे की बदौलत आधिपत्य जमाकर हमसे सभी चीजें छीन रही है। दस पैसे का पानी बोतल में भरकर दस रुपए में बेच रहे हैं। किसानों की जमीन कम भावों में खरीदकर सौदेबाजी कर रहे है। बिहार की मुख्य समस्या राजस्व व जंगल की लड़ाई का समाधान प्रारंभ है। आंध्रप्रदेश का वारंगल जिला से इस समस्या के समाधान के लिए कार्य प्रारंभ है। इसका फायदा आने वाले समय में जिले के लोगों को मिलेगा। श्री राजगोपाल ने कहा जिसने जिंदगी भर जमीन जोता, उपजाया उसे जमीन दो। जमीन लेकर गरीबों को दो न कि सेज व बड़ी कंपनियों को। आजाद भारत के 65 वर्ष होने के बाद भी जमीन नहीं बांटी गई। हिंसा, गरीबी व पलायन रोकने का एक मात्र साधन जमीन बांटो लेकिन सरकार तैयार नहीं। कार्यक्रम के दौरान गांधी समाधि स्थल की मिट्टी कलश में सिमुलतला की मिट्टी भी डाली गई। मालूम हो कि जनसत्याग्रह संवाद यात्रा दो अक्टूबर 2011 कन्या कुमारी से प्रारंभ हुआ और 30 अक्टूबर 2012 को ग्वालियर पहुंचेगा जहां एक लाख लोग दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे। कार्यक्रम से पूर्व गुरुवार देर शाम को बांका जिला बार्डर पर मानव विकास सेवा संस्थान के सचिव अशोक भाई एवं ग्राम भारती की सरला बहन जनसत्याग्रह संवाद यात्रा का स्वागत में खड़े रहे। इसको लेकर सिमुलतला बाजार में कई तोरण द्वारा लगाए गए थे। कार्यक्रम से पहले कस्तूरबा विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत से अतिथियों का स्वागत किया। स्वामी सच्चिदानंद भारती, वीणा दीदी, वयोवृद्ध शिवानंद भाई, अशोक भाई, सरला बहन, पूर्व मुखिया भूषण यादव, गोविंद सिंह लाला, डॉ. मनोज, कुमार विमलेश आदि मुख्य हैं। कार्यक्रम का समापन आवाज दो हम एक हैं, डाल दो चाहे सलाखों में अब कि बार लाखों में, के संवाद से हुआ।

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