Tuesday 3 July 2012

सरौन काली पूजा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़


जमुई, जागरण प्रतिनिधि: बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित प्रसिद्ध सरौन काली मंदिर की वार्षिक पूजा मंगलवार को मनाई गई। वार्षिक पूजा में बिहार-झारखंड व बंगाल के लगभग एक लाख श्रद्धालुओं ने मां की पूजा-अर्चना की । अजय नदी एवं बड़का आहार के बीचोबीच स्थित मां काली मंदिर सरौन की वार्षिक पूजा में मंगलवार को विभिन्न राज्यों से आए श्रद्धालुओं के सामने मंदिर सहित आसपास का क्षेत्र कम पड़ गया। सुबह से ही महिला-पुरुष श्रद्धालु बड़का आहर में स्नान कर दंडवत देते हुए मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना करने लगे जिससे पूरा मंदिर परिसर भक्तिमय हो गया। पूजा अर्चना के बाद भक्तों द्वारा मनोकामना पूर्ति हेतु बकरे एवं भेड़ों की बलि प्रारंभ हुई जिसमें 8000 बकरों एवं भेड़ों की बलि दी गई। काली पूजा समिति सदस्य हरिकिशोर चौधरी, थानु यादव, बंगटू यादव, दशरथ पांडेय, सुरेश चन्द्र यादव आदि ने बताया कि वार्षिक पूजा की शुरुआत 150 वर्ष पूर्व प्रारंभ हुई थी जो वर्तमान में वृहत रुप ले चुका है। साथ ही मेला का भी आयोजन किया जाता है। वार्षिक पूजा के बारे में पुरानी किवदंती है कि पूजा के दिन बलि देने के पूर्व मंदिर परिसर में एक सर्प निकलता है। प्रत्येक वर्ष निकलने वाले इस सर्प का जो भक्त दर्शन कर लेते हैं। उसे साक्षात मां काली का दर्शन हो जाता है। सर्प का दर्शन सबको नसीब नहीं होता है। मंदिर परिसर क्षेत्र में भव्य मेला का भी आयोजन किया गया जिसमें भक्तों के मनोरंजन के लिए झूला, तारामाची, मौत का कुआं, कठपुतली, बियाबान कला, रेलगाड़ी, मीनाबाजार एवं बंगाल के सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा आरकेस्ट्रा के साथ-साथ आदिवासी नृत्यगीत मुख्य आकर्षण का केन्द्र था।
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पेयजल के लिए तरसे श्रद्धालु
जमुई: सरौन काली मंदिर की वार्षिक पूजा में मंगलवार को श्रद्धालुओं को भीषण पेयजल संकट का सामना करना पड़ा। एक लाख श्रद्धालुओं के सामने मंदिर परिसर में लगा चापाकल एवं कुआं काफी कम पड़ गया जिससे श्रद्धालु पानी-पीने के लिए परेशान दिखाई पड़े। पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि पीएचईडी विभाग द्वारा पेयजल सुविधा हेतु कोई खास व्यवस्था नहीं की गई थी।
मेला में रहा अफरा-तफरी का माहौल
जमुई: इतने वृहत पैमाने पर आयोजित वार्षिक पूजा एवं मेला में पुलिस प्रशासन द्वारा कोई विशेष पुलिस बल की नियुक्ति नहीं की गई थी जिससे मेले में कई बार अफरा-तफरी का माहौल कायम रहा। पूजा समिति के सुरेशचन्द्र यादव ने बताया कि एक लाख श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए मात्र 10 ग्रामीण लाठीधारी पुलिस को लगाया गया था। पुलिस प्रशासन द्वारा खास पुलिस व्यवस्था नहीं किए जाने से पूजा समिति सदस्यों में नाराजगी देखी गई ।
पाकेटमारों की रही चांदी
जमुई : मेले के दौरान पुलिसिया व्यवस्था नहीं रहने का लाभ उठाते हुए चोर उच्चके एवं पाकेटमारों ने कई लोगों के जेब उड़ाए। जानकारी के मुताबिक गिरीडीह से आयी सुनीता देवी का पर्स सहित चार हजार, देवरी के मनोज शर्मा का घड़ी, सोनो के दिलीप सिंह से मोबाइल उड़ा लिया। इसके अलावे दर्जनों लोगों के जेब कट गए। 

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