निज प्रतिनिधि, गिद्धौर : गुरुवार को गिद्धौर राज रियासत के अंतिम
महाराजा प्रताप सिंह का दिल का दौरा पड़ने के कारण कोलकाता के निजी अस्पताल
में निधन हो गया। वे 77 वर्ष के थे। उनका जन्म 1935 में हुआ था। पिता
चन्द्रचूड़ सिंह के निधन के बाद उनके लालन-पालन का दायित्वपूर्ण कार्य उनकी
माता गिरिराज कुमारी ने डेहरी नरेश महाराजा सरनरेन्द्र साह के संगरक्षण
में किया था। उनकी शिक्षा इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विद्यालय में हुई। 1938
में राजकुमार प्रताप सिंह नाबालिग होने के कारण गिद्धौर राज कोर्ट आफ
वार्ड्स के अधीन रहा किंतु उनकी वंश परम्परा की रक्षा का दायित्व तत्कालीन
महारानी राजमाता गिरिराज कुमारी पर आ पड़ी। जब राजकुमार प्रताप सिंह बालिग
हुए तो गिद्धौर रियासत के अंतिम समय में ब्रिटिश सरकार द्वारा उन्हें
महाराज की पदवी देकर नवाजा गया और महाराजा प्रताप सिंह को चंदेल वंशज का
अंतिम राजा घोषित किया गया। महाराजा प्रताप सिंह गिद्धौर राज्य रियासत के
अंतिम 27वें राजा थे। महाराजा प्रताप सिंह दो बार बांका लोकसभा क्षेत्र का
प्रतिनिधित्व कर चुके थे। वे अपने पीछे एक पुत्र राजराजेश्वर सिंह एवं तीन
पुत्रियां छोड़ गए हैं। जिनमें सबसे बड़ी पुत्री राजकुमारी श्रुति की शादी
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. विश्वनाथ प्रताप सिंह के पुत्र अजय कुमार सिंह के
साथ हुई है तथा परिमिति एवं प्रकृति अविवाहित हैं। फिलहाल महाराजा प्रताप
सिंह कोलकाता के आवास 14 मेफेयर स्ट्रीट में प्रवास कर रहे थे। उनके निधन
के बाद उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को कोलकाता में किया जाएगा।
भगवान करे गिधौर महाराज की आत्मा को शांति प्रदान करे.
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