निज प्रतिनिधि, गिद्धौर : गिद्धौर बाजार के मुख्य मार्ग से बीस गज की
दूरी पर स्थिति प्राचीन बूढ़ानाथ शिव मंदिर आज भी भक्ति व आस्था का केंद्र
बना हुआ है यहां सालों भर इस इलाके के सैकड़ों शिवभक्त श्रद्धालु भगवान शिव
की पूजा एवं अराधना में जुटे रहते हैं। खासकर सावन के महीने में सुबह से ही
शिव भक्तों की भीड़ लग जाती है तथा हर-हर महादेव की गूंज से सारा वातावरण
भक्तिमय हो उठता है। गिद्धौर राज रियासत के सैकड़ों वर्ष पूर्व स्थापित
बूढ़ानाथ शिव मंदिर के बारे में पतसंडा ग्राम के कोई भी बूढ़े या बुजुर्ग
यह नहीं बता पा रहे हैं कि इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना एवं मंदिर का
निर्माण किसने करवाया था लेकिन इतना जरुर है कि जो भी शिव भक्त इस शिव
मंदिर में आस्था व विश्वाप के साथ आते है उनकी मुरादें पूरी होती है। शिव
भक्त 70 वर्षीय नंद कुमार मिश्रा, 65 वर्षीय कारे लाल गुप्ता, 80 वर्षीय
नागेश्वर रावत बताते हैं कि यह मंदिर किसने बनवाया यह मेरे बाप-दादा भी
नहीं जानते थे कि बूढ़ा नाथ मंदिर का निर्माण कैसे हुआ। ग्रामीणों का मानना
है कि आज से हजार वर्ष पूर्व इस जंगल में तप कर रहे किसी सिद्ध पुरुष के
द्वारा शिवलिंग की स्थापना व बूढ़ानाथ मंदिर का निर्माण किया गया है जो आज
भी इस इलाके के लोगों के लिए अखंड विश्वास व श्रद्धा का केन्द्र बना है।
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