जमुई : खैरा पुलिस वाहन पर हमले के बाद जमुई एसपी को विस्फोट में उड़ाने की
योजना थी। इस बात का खुलासा स्वयं एसपी उपेन्द्र शर्मा ने कांबिंग ऑपरेशन
के दौरान स्वीकार की। उनका मानना था कि बरामद विस्फोटक से नक्सली या तो
सीआरपीएफ को टारगेट बनाती या मुझे। ज्ञात हो कि पिछले आठ माह से शिकस्त खा
रहे नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना ली थी। पुलिस अब तक
ललदेहिया घाट तक के एरिया को नक्सलियों से सुरक्षित मान रही थी। नक्सलियों
ने घटना को अंजाम देने के लिए उसी ढाई किमी के जंगली रास्ते को चुना था। एक
सप्ताह पूर्व सड़क में विस्फोटक लगाने की योजना तब बनी जब मुख्यमंत्री के
अधिकार यात्रा को देखते हुए सड़क निर्माण कार्य में तेजी आई थी। मंगलवार को
माओवादी शीर्ष नेता चिराग की उपस्थिति में हुई बैठक के बाद नक्सलियों ने
जंगली रास्ते के दर्जन भर स्थानों पर सीरियल लैंड माइंस प्रोजेक्ट कर दिया।
सड़क निर्माण के दौरान उस पर भाइव्रेटर रोलर चला देने के बाद किसी को संदेह
भी नहीं हो पाया। आगामी आठ अक्टूबर को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पूर्व
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस के वरीय अधिकारियों का उसी रास्ते से
आना-जाना था। नक्सली इस बार अपना हमला खाली देखना नहीं चाहते थे। पुलिस
महानिरीक्षक एके अंबेडकर ने भी माना कि नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम देने
की फिराक में थे। सवाल उठता है कि दिन-रात सड़क निर्माण में लगे लोगों को
भनक तक कैसे नहीं मिली। फिलहाल नक्सलियों द्वारा अगवा किए गए मुंशी वीरो
चौहान की सकुशल बरामदगी में पुलिस जुटी है लेकिन बाद में निर्माण एजेंसी
में लगे लोगों से भी पूछताछ किए जाने की संभावना है।
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