Wednesday 2 November 2016

दो युवकों ने जमुई जिले के नवादा पुल की बदल दी तस्वीर


जमुई। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में विकास के दावों पर यह करारी चोट है। महेश्वरी गांव के दो युवकों ने श्रमदान से 'नवादा पुल' की तस्वीर बदल डाली है। दरअसल, सोनो-महेश्वरी पथ में जोगिया नदी पर बने नवादा पुल पिछले कई वर्षो से मरम्मत की बाट जोह रहा था। दिन-ब-दिन पुल और भी बदहाल होता जा रहा था। पुल का ऊपरी हिस्सा टूट-टूटकर गिरने लगा, लिहाजा सैकड़ों की संख्या में प्रतिदिन पुल से गुजरने वाले वाहनों के लिए पुल पार करना खतरे से खाली नहीं था। पिछले पांच वर्षो से यह प्रतिदिन की समस्या बन गई। विभागीय उदासीनता के कारण पुल की मरम्मत संभव नहीं हो पाई, लिहाजा महेश्वरी गांव के दो युवक विक्रम सिंह व राजेश ने पुल मरम्मत का बीड़ा उठाया। श्रमदान से इन दोनों युवकों ने पुल के टूटे हिस्से को भरना शुरू कर दिया। इनके जज्बे को देखकर क्षेत्र के लोगों ने भी उनका साथ दिया और देखते ही देखते क्षतिग्रस्त नवादा पुल को एक महीने के अंदर दुरूस्त कर दिया गया। इतना ही नहीं, इन दोनों युवकों की कड़ी मेहनत से कुहिला-महेश्वरी पथ के दिन भी बहुर गए। उक्त पथ जीर्ण-शीर्ण था। तीन किमी तक यह सड़क गड्ढे व सिर्फ गड्ढे में तब्दील हो चुकी थी लेकिन सड़क पर तमाम गड्ढों को भी इन युवकों ने श्रमदान से भरकर आवागमन को सहज बना दिया।
क्या कहते हैं ग्रामीण
महेश्वरी गांव निवासी पंचानन सिंह का कहना है कि इन युवकों ने असाधारण कार्य किया है जिसका लाभ इस इलाके के लोगों को मिल रहा है। ग्रामीण दीपक सिंह उर्फ डब्ल्यू सिंह कहते हैं कि यदि नवादा पुल की मरम्मत नहीं कराई जाती तो पुल टूटकर गिरने की स्थिति में आ गया था। विक्रम सिंह व राजेश सिंह ने श्रमदान से पुल मरम्मत कर समाज में नजीर पेश की है। ग्रामीण लालमुनी सिंह ने श्रमदान से पुल मरम्मत किए जाने पर गर्व की बात बताई। उन्होंने कहा कि आरईओ के लिए यह शर्म की बात है।
कितना महत्वपूर्ण है नवादा पथ
चरकापत्थर थाना क्षेत्र पूरी तरह नक्सल प्रभावित है। कुहिला-महेश्वरी होते हुए आरईओ की यह सड़क रजौन, विशनपुर, बंदरमारा, भलसुमिया जैसे तकरीबन 50 गांवों को जोड़ती है। नवादा पुल कुहिला व महेश्वरी पथ में जोगिया नदी पर है। उक्त पुल से होकर प्रतिदिन सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। पुल से महज डेढ़ किमी की दूरी पर महेश्वरी में स्थायी सीआरपीएफ कैम्प है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र का अत्यंत महत्वपूर्ण पुल है 'नवादा पुल'।
क्या कहते हैं कार्यपालक अभियंता
उक्त पुल एनबीसीसी द्वारा सड़क निर्माण के दौरान बनाई गई थी। पांच वर्षो तक मरम्मत व रखरखाव की जिम्मेवारी एनबीसीसी की रही। नवादा पुल के क्षतिग्रस्त होने की जानकारी उन्हें नहीं है। उक्त पुल की मरम्मत ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा की जानी है। अतिशीघ्र इस बाबत प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
-उदयकांत मिश्र, कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, ग्रामीण कार्य प्रमंडल, झाझा।

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