Wednesday 20 April 2016

अधूरा रह गया गिद्धौर स्टेशन को समुन्नत बनाने का सपना

 पूर्व रेल राच्य मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह के गृह प्रखंड में अवस्थित गिद्धौर रेलवे स्टेशन विगत कई वषरें से रेल विभाग के आलाधिकारियों की उदासीन रवैये का दंश झेल रहा है। बताते चलें कि वर्ष 1999 में जब स्व दिग्विजय सिंह ने रेल विभाग में रेल राज्य मंत्री का पदभार संभाला था तब उन्होंने रेलवे के महत्वपूर्ण कायरें के अलावा गिद्धौर रेलवे स्टेशन को भी पूर्नजीवित एवं सौंदर्यीकरण का कार्य आरंभ कराने का बीड़ा उठाया था लेकिन उनके आकस्मिक निधन के बाद गिद्धौर रेलवे स्टेशन रेल विभाग के आलाधिकारियों की लापरवाह रवैये के कारण वषरें से उपेक्षित है। लिहाजा स्व. दिग्विजय सिंह का गिद्धौर रेलवे स्टेशन को समुन्नत बनाने का सपना अधर में लटका रहा गया। आज भी इस स्टेशन पर डाउन प्लेटफार्म पर पेयजल, शौचालय, प्लेटफार्म अपग्रेडेशन, आरक्षण काउंटर की व्यवस्थाए, स्टेशन परिसर में समुचित रोशनी की व्यवस्था जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए बरसों से तरस रहे हैं।
 यह बताते चलें कि गिद्धौर रेलवे स्टेशन रेल विभाग को प्रतिदिन लगभग दो लाख रूपए का रोजाना लाभ देता चला आ रहा है। बावजूद इसके इस इलाके के रेल यात्रियों के लिए यहां आज भी सुविधा नदारद है।
 सांसद को सौंपा गया था ज्ञापन
 विगत कुछ महीने पहले इस इलाके के रेल यात्रियों द्वारा तत्कालीन रेल विभाग के जीएम एवं जमुई लोकसभा के वर्तमान सासद चिराग पासवान को प्रखंड रेलवे सुविधा समिति के प्रतिनिधियों द्वारा अपने गिद्धौर रेलवे स्टेशन से जुड़े समस्या को लेकर एक सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा गया था। मगर आज भी स्थिति यथावत बनी हुई है। इधर रेलयात्री सुविधा समिति के सदस्य विरेन्द्र कुमार पाडेय, मोहम्मद अकबर, राघव सिंह, मुकेश सिंह, उपसरपंच काजल सिंह काजू, राजीव रंजन सहित दर्जनों रेल यात्रियों ने जानकारी देते बताया कि पूर्व दिवंगत रेल राच्य मंत्री स्व. दिग्विजय सिंह के कार्यकाल मे गिद्धौर रेलवे स्टेशन परिसर को रौशन करने के लिए लाखों की लागत से हाईमास्क लाइट लगाया गया था जो विभागीय उदासीनता के कारण विगत दो वषरें से बंद पड़ा हुआ है।
 प्लेटफार्म नंबर दो का भी नहीं हुआ अपग्रेडेशन 
 प्लेटफार्म नंबर दो के अपग्रेडेशन नहीं होने से अक्सर रेल यात्री ट्रेन चढ़ने उतरने के क्रम में दुर्घटना के शिकार हो गंभीर रूप से घायल हो जाते है। वहीं इस इलाके के रेल यात्री खासकर महिला व विकलाग रेल यात्रियों को इस स्टेशन पर शौचालय की मूलभूत सुविधा भी वषरें से मयस्सर नहीं हो पा रही है। वषरें से स्टेशन परिसर में लगे बंद पड़े हाइमास्क लाइट के बंद पड़े रहने के कारण  इस शादी विवाह के मौसम में भीड़ होने के कारण रेलवे स्टेशन पर अपराधी खुलेआम अंधेरे का फायदा उठा आराम से लूट व छिनतई जैसे आपराधिक घटना को अंजाम दे आराम से चलते बनते हैं। इधर स्टेशन परिसर में रात्रि में यात्री सुरक्षा हेतु रेलवे पुलिस बल की भी नियमित तैनाती आज तक रेल विभाग द्वारा नहीं की गई है। खैर जो भी हो दानापुर रेल मंडल अंतर्गत किऊल-झाझा रेलखंड के मध्य पड़ने वाला यह अति प्रतिष्ठित गिद्धौर रेलवे स्टेशन कई वषरें से अपने उद्धारक के आस की बाट जोह रहा है।
 कहते हैं सहायक स्टेशन प्रबंधक
 गिद्धौर रेलवे स्टेशन पर व्याप्त कुव्यवस्था एवं बंद पड़े मास्क लाइट के बारे में पूछे जाने पर गिद्धौर रेलवे स्टेशन के सहायक स्टेशन प्रबंधक टीडी सिंह ने बताया कि बंद पड़े हाईमास्क लाइट की सूचना मेरे द्वारा झाझा रेलवे के इलेक्ट्रिक फोरमैन को दी गई लेकिन आज तक उसे विभाग द्वारा ठीक नहीं करवाया गया है। वहीं स्टेशन परिसर के अन्य समस्याओं को रेल यात्रियों व गिद्धौर रेलवे प्रबंधन द्वारा रेल विभाग के वरीय अधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया है लेकिन गिद्धौर रेल स्टेशन के प्रति उनका रवैया आज तक उदासीन है। 

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