Saturday 22 December 2012

नए वर्ष में सभी सड़कें हो जाएंगी पक्की


नए वर्ष में सभी सड़कें हो जाएंगी पक्की
जमुई : सड़क के मामले में अव्वल जमुई जिले में वर्ष 2013 में सभी बसावट को पक्की सड़क से जोड़ने की योजना है। इसके लिए 1800 किमी नए सड़क निर्माण का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। नक्सल प्रभावित जिला होने के कारण सड़क निर्माण हेतु पैसे की कमी नहीं है। सिर्फ शहरी सड़कों के निर्माण की डुडा योजना में पैसे की कमी है। सरकार सभी गांवों को कम से कम एक ओर से पक्की सड़क द्वारा जोड़ने की योजना पर काम कर रही है। जिले में कई स्टेट हाईवे का भी निर्माण हुआ है। अब तक जिले की 26 सड़कें क्षतिग्रस्त हैं। जिसमें सात सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है। शेष बची सड़कों का निर्माण अगले वित्तीय वर्ष में हो सकेगा।
373 पथों को मिली स्वीकृति
जिले में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क संपर्क योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 373 सड़कों की स्वीकृति मिली है। इन सड़कों की लंबाई 1518.69 किमी है। इसके अलावे अगले वित्तीय वर्ष के लिए 636 सड़क निर्माण कराने की सूची तैयार की गई है जिसकी लंबाई 1800.34 किमी होगी।
निर्माण हेतु पैसे की कमी नहीं
नक्सल प्रभावित जिला होने के कारण केंद्र व राज्य सरकार जिले में सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दिया है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने सोनो में अपने कार्यक्रम के दौरान यह स्पष्ट कर दिया था कि 250 की आबादी वाले बसावट को हर हाल में पक्की सड़क को जोड़ देना है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना एवं मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में पैसे की कमी नहीं है। शहरी क्षेत्रों में डूडा के तहत होने वाले सड़क निर्माण हेतु पैसे की कमी है जिसके कारण निर्माण की गति धीमी है।
राज्य मार्गो की बेहतर है स्थिति
जमुई में कई सड़कों को राज्य मार्ग का दर्जा दिया गया है। उन सड़कों का निर्माण पूरी गुणवत्ता के साथ किया गया है। वाहनें सड़कों पर अब फर्राटा भरती है। पथ निर्माण विभाग द्वारा जिले में 13 सड़कों का निर्माण कराए जाने की योजना है, जिसमें 9 सड़कें पूर्ण हो चुकी है। शेष सड़कों पर कार्य चल रहा है। जिले में आधा दर्जन राज्य मार्ग का निर्माण हुआ है। इन सड़कों की स्थिति बेहतर बनी है।
अगले वर्ष सभी सड़कों का होगा निर्माण
जिले में ग्रामीण कार्य विभाग एक और दो एवं पथ निर्माण विभाग सड़कों का निर्माण करवा रही है। ग्रामीण कार्य विभाग-1 द्वारा 308 सड़क एवं 2 द्वारा 328 सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव है। इसके तहत ग्रामीण कार्य विभाग एक 706 किमी एवं 2- 1094 किमी सड़क निर्माण करवाएगी। यदि इन सभी सड़कों का निर्माण पूरा हो जाता है तो जिले में कच्ची सड़क एक भी नहीं बचेगी।
नहीं है लोकल कंवेंस की सुविधा
जमुई में लोकल कान्वेंस की सुविधा नहीं है। निजी वाहनों या ऑटो से लोग यात्रा करते हैं। बिहार के पांच जिलों में यह सुविधा उपलब्ध है जिसमें पटना, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा एवं गया शामिल है। दूसरे जिला जाने के लिए निजी वाहन चलती है या फिर ट्रेन का साथ मिलता है। राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा तीन बसें चलाई जाती हैं।
फोटो 22 जमुई -14
कैप्शन- सुरेन्द्र प्रसाद
क्या कहते हैं अभियंता
ग्रामीण कार्य विभाग-1 के कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र प्रसाद ने कहा कि अगर प्रस्तावित योजनाओं पर कार्य हुआ तो 100 फीसद कनेक्टीविटी होगी। उन्होंने कहा कि यह कार्य अगले वर्ष पूरा भी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल से मुख्यमंत्री ग्राम सड़क संपर्क योजना में सात हेड को समाहित किया जाएगा। अब नाबार्ड, एमएनपी, एससीपी, एमएमजीएसबाई, एसार्ट, बीएडीपी यह सभी योजनाएं एमएमजीएसएसवाइ के तहत होगी।
बाक्स
फोटो 22 जमुई -6,7,8,9,10,11
कैप्शन-आमलोग
सड़क निर्माण से भरी उड़ान
जमुई : आर्य नरेंद्र साहू ने कहा कि सरकार का विकास सबसे पहले सड़कों पर नजर आता है। सड़क निर्माण से दूरियां कम लगने लगी और समय का भी बचत होता है। पुतेरिया गांव के तनोज सिंह कहते हैं कि इतनी अच्छी सड़क हो गई है कि पांच मिनट में मुख्यालय पहुंच जाते हैं अब गांव में रहने का पता ही नहीं चलता। सुजीत कुमार विश्वकर्मा कहते हैं कि सड़कों की अच्छी हालत देख हमारे संबंधी यहां आने से नहीं हिचकते हैं। साथ ही सड़कों पर लक्जरी वाहन फर्राटे लगाती है। नारडीह गांव के दरोगी यादव कहते हैं कि सड़कों के निर्माण से गांव जाने के कई रास्ते बन गए हैं। अब आवागमन में बहुत सहूलियत होती है। कार्तिक वर्मा कहते हैं कि शहर में सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं है इस पर भी सरकार का ध्यान होनी चाहिए। कृष्णा रावत कहते हैं कि शहर की सड़कों का अतिक्रमण परेशानी पैदा करता है।  

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