Sunday 2 October 2011

मजदूरों की आस्था से शुरू हुई आराधना

सोनो स्थित दुर्गा मंदिर आस्था, अध्यात्म व सामाजिक सद्भाव का एक ऐसा केन्द्र है जहां पिछले पांच दशकों से दुर्गा पूजा व प्रतिमा स्थापन का कार्य चलता रहा है। रविदास स्वजाति समाज द्वारा प्रतिवर्ष इस मौके पर मंदिर को भव्य तरीके से सजाया संवारा जाता है। कोलकाता से मंगाई गई सामग्रियों से इसे अत्याधुनिक स्वरुप प्रदान किया जाता है।
मूर्ति स्थापन व मंदिर का इतिहास
बात 1930 की है, जब सोनो प्रखंड के सैकड़ों रविदास स्वजाति समाज जीवन यापन हेतु ढाका (बांग्लादेश)में मेहनत करते थे। रात्रि में ये मजदूर एक ही स्थल पर विश्राम करते थे। धार्मिक प्रवृत्ति होने के कारण इनके मन में मां दुर्गा के प्रति अटूट विश्वास जगा और 1942 में इनलोगों ने ढाका में मूर्ति स्थापित कर दुर्गोत्सव मनाना शुरु कर दिया। 1948 तक ढाका में विजयदशमी का पर्व इनलोगों ने मनाया। भारत-पाक विभाजन के बाद ये मजदूर कोलकाता आ गए। 1949 और 1950 में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर विजयादशमी का पर्व इनलोगों ने कोलकाता में ही मनाया। फिर रविदास स्वजाति समाज के गोपी रविदास, लछु रविदास, विसपत रविदास, रामधारी रविदास, छोटू रविदास तथा यदु रविदास जैसे सक्रिय सदस्यों ने यह निर्णय लिया कि मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापन व दुर्गा पूजा का आयोजन अपनी जन्मभूमि सोनो प्रखंड में ही किया जाए। 1952 में सोनो चौक पर एक छोटी झोपड़ी बनाकर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई तब से यहां पूजा का आयोजन होता आ रहा है।
जारी है भव्य मंदिर का निर्माण
दुर्गा पूजा समिति सोनो के संयोजक महेन्द्र दास बताते हैं कि कुशल कारीगरों द्वारा मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। भव्य मंदिर निर्माण में मार्बल व टाइल्स लगाए जा रहे हैं। रविदास स्वजाति समाज के कोष से इस मंदिर का निर्माण अत्याधुनिक तरीके से किया जा रहा है।
मेले में सौ से अधिक गांवों की सहभागिता
प्रखंड में सबसे बड़े दुर्गा पूजा मेले का आयोजन सोनो में ही होता है। सोनो-खैरा तथा झाझा प्रखंड के निकटवर्ती गांवों के श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं तथा पूरे भक्तिभाव से मेले का आनंद उठाते हैं।
समिति रखती है व्यवस्था पर नजर
यूं तो मेले में शांति व सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रखंड के तमाम बुद्धिजीवी व सक्रिय कार्यकर्ता प्रयासरत रहते हैं लेकिन व्यवस्था पर पूरी मुस्तैदी के साथ नजर रखने वालों में दुर्गापूजा समिति के अध्यक्ष बिनेश्वर दास, सचिव नागेश्वर दास, कोषाध्यक्ष विनय कुमार दास, मुखिया उषा देवी, जिला पार्षद क्रांति देवी एवं सिंघेश्वर दास सहित संयोजक महेन्द्र दास शामिल हैं।

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