अगले जनम में मुझे बिटिया ही दीजो
जमुई। अगर ऐसी होनहार दो-दो बेटियां हो तो कौन पिता नहीं चाहेगा कि उसे हर जनम में बेटी ही मिले। डीआइजी से रिटायर्ड झाझा के पीपराडीह मोहल्ले के सुबोध कुमार और नीलम की पुत्री मनुश्री और तनुश्री एक से बढ़कर एक है। एमटेक की डिग्री ली पर देश सेवा का जज्बा ऐसा कि दोनों ने यूपीएससी द्वारा संचालित परीक्षा पास कर सीआरपीएफ और आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट का पद संभालना उचित समझा। आराम की ¨जदगी के बजाए पिता से मिली प्रेरणा ने उन्हें चुनौतियों से लड़ना सीखा दिया जिस पर आज पिता को ही नहीं पूरे इलाके को गर्व है। प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्त पिता के जज्बे को बरकरार रखने के लिए दोनों बेटी ने खाकी को अपनाया और देश की सेवा में लग गई।
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बचपन से ही मेधावी थी मनु और तनु
मनु और तनु बचपन से ही मेधावी थी। बड़ी बेटी मनुश्री अयोध्या में सीआरपीएफ के सहायक कमांडेड के पद पर कार्यरत है तथा दूसरी पुत्री तनुश्री आरपीएफ में कमांडेड पद पर विशाखापत्तनम में कार्यरत है। मनुश्री मुंबई से एमटेक की है जबकि छोटी पुत्री तनुश्री यूपीएससी से यहां तक पहुंची। पिता कहते हैं कि बच्चों को साथ रखकर शिक्षा प्रदान की। मुख्य रूप से बिहार के दरभंगा एवं बोकारो में इन दोनों ने दशम एवं प्लस टू की शिक्षा ग्रहण की। छोटी ने इंजीनिय¨रग कर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की
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