बिहार में नए शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद कैदियों को रखने के लिए जेल में जगह कम पड़ गई है। अब सरकार जेलों की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रही है। दरअसल, शराबबंदी के बाद बिहार में 35,000 नए कैदियों की गिरफ्तारी हुई, जिन्हें रखने के लिए जेलों की क्षमता कम है।
सरकार की मानें तो पकड़े गए 35,000 नए कैदियों को रखने के लिए राज्य सरकार जगह की कमी से जूझ रही है। राज्य सरकार पकड़े गए शराबियों को रखने के लिए जेलों की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रही है।
राज्य सरकार में आबकारी और मद्य निषेध मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने कहा, 'नए शराबबंदी कानून के तहत गिरफ्तार किए गए कैदियों को रखने के लिए हम जेलों की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं।' उन्होंने हालांकि इस संबंध में कोई डीटेल नहीं दी।
मस्तान ने कहा कि कैदियों को रखने के लिए जेलों की क्षमता बढ़ाने से संबंधित एक प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। मंत्री की चिंता अनुचित नहीं है क्योंकि पिछले साल अप्रैल में शराबबंदी लागू होने के बाद हुई गिरफ्तारी से बिहार की 58 जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी बंद हैं।
उन्होंने कहा कि जेलों में क्षमता बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। गौरतलब है कि शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार की 58 जेलों में क्षमता से अधिक कैदी रखे जा रहे हैं।
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