ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब लम्बे तामझाम, बार-बार फॉर्म भरने की प्रक्रिया से जल्द ही राहत मिलने वाली है। केंद्र सरकार ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनाने की जटिला को समाप्त करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव करने जा रही है। नया कानून लर्निग डीएल, नया डीएल, डीएल नवीनीकरण आदि से लोगों अलग-अलग फार्म (प्रपत्र) भरने के झंझट से मुक्ति दिलाएगा।
विभाग के सूत्रों का कहना है कि अगले चरण में ऑन लाइन फॉर्म भरने की व्यवस्था भी की जाएगी। जिन लोगों के पास कंप्यूटर नहीं है या जो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है, वे कॉल सेंटर में फोन करके अपनी डिटेल बता सकते हैं। कॉल सेंटर ऑपरेटर ऑनलाइन फॉर्म भरकर लाइसेंस लेने के इच्छुक व्यक्ति को संबंधित जोनल कार्यालय में जाने के लिए पहले से ही अपॉइंटमेंट दे देंगे। इस तरह अपॉइंटमेंट लेकर जाने वाले व्यक्ति को वहां जाकर सिर्फ अपने सर्टिफिकेट की कॉपियां देनी होंगी और फार्म पर हस्ताक्षर करने होंगे। हालांकि इस सिस्टम के शुरू होने में कुछ महीने का वक्त लग सकता है। यह भी पढ़ें: भारत के इन शहरों में 25 से लेकर 60 रुपए की कीमत में बनते है लाइसेंस वहीं, आवेदनकर्ता को डीएल बनवाने के लिए आधार कार्ड देना होगा। इससे देशभर में फर्जी डीएल बनाने के सिलसिले पर अंकुश लगेगा। सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में राज्यों के क्षेत्रीय परिवहन कार्यायलों (आरटीओ) में लर्निग डीएल बनाया जाता है। एक निश्चित अवधि के बाद स्थायी डीएल पाने के लिए आवेदनकर्ता को नया फार्म भरना पड़ता है। इसी प्रकार डीएल के नवीनीकरण, मोटरसाइकिल-स्कूटर से कार का लाइसेंस बनाना, पता बदलने, डीएल में नाम बदलने, डुप्लीकेट डीएल बनाने के लिए हर बार फार्म भरना पड़ता है। उन्होंने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम 1989 में बदलाव किया जा रहा है।
No comments:
Post a Comment